भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को ओडिशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम’ (SMAT) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। गौरतलब है कि अब्दुल कलाम द्वीप को पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था।
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अनुसार, परीक्षण के दौरान मिसाइल की सभी क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रणाली को पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है‚ जो पारंपरिक टॉरपीडो की रेंज से कहीं अधिक है।
Supersonic missile assisted torpedo system successfully tested from Dr APJ Abdul Kalam Island, Odishahttps://t.co/bmJpR0q5RB pic.twitter.com/w9OXcodKI9
— DRDO (@DRDO_India) December 13, 2021
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अनुसार‚ यह परीक्षण योजना के अनुसार रहा। इस दौरान इलेक्ट्रो ऑप्टिक टेलीमेट्री सिस्टम‚ डाउन रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन और डाउन रेंज शिप सहित विभिन्न रेंज रडार द्वारा पूरे प्रक्षेपवक्र की निगरानी की गई। मिसाइल में टारपीडो‚ पैराशूट डिलीवरी सिस्टम और रिलीज मेकैनिज्म था। इस उन्नत मिसाइल प्रणाली के लिए डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं ने विभिन्न तकनीकों का विकास किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के मुताबिक, सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम को ‘ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर’ से प्रक्षेपित किया गया है और यह काफी दूरी तय कर सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SMAT के सफल परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रणाली का विकास देश में भविष्य की रक्षा प्रणालियों के निर्माण का एक आदर्श उदाहरण है।
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