छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित इलाकों में होगा विकास, तेजी से चल रहा सड़क निर्माण का कार्य

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) को विकास से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। इन इलाकों में पीएम ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक 1380 सड़कों के अंतर्गत सात हजार 228 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है।

Naxal Area

फाइल फोटो।

बस्तर संभाग के सात जिले अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्र (Naxal Area) में आते हैं। इनमें 2067 सड़कों के लिए 10 हजार 406 किलोमीटर लंबाई की सड़क की स्वीकृति मिली है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) को विकास से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। इन इलाकों में पीएम ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक 1380 सड़कों के अंतर्गत सात हजार 228 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। जबकि इन क्षेत्रों में स्वीकृत 61 बड़े पुल में से 27 पुल भी बनाए जा चुके हैं।

इसके अलावा, बारिश के बाद इन इलाकों में तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबाई की सड़कों का काम शुरू हो जाएगा। दरअसल, बस्तर संभाग के सात जिले अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्र (Naxal Area) में आते हैं। इनमें 2067 सड़कों के लिए 10 हजार 406 किलोमीटर लंबाई की सड़क की स्वीकृति मिली है। इनमें पीएमजीएसवाय-3 के अंतर्गत 92 सड़कें भी शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 1016 किलोमीटर है।

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वहीं, इन इलाकों में 61 पुलों का कार्य भी स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 27 पुलों का कार्य पूरा हो चुका है। बारिश के बाद राज्य सरकार सभी अतिसंवेदनशील नक्सल क्षेत्रों के गांवों में सड़क बनाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) के अंतिम छोर तक विकास को पहुंचाना चाहती है।

पीएमजीएसवाय के अफसरों के अनुसार, नक्सल प्रभावित जिलों के ढाई सौ से ज्यादा आबादी वाले और अति नक्सल प्रभावित जिलों के 29 विकासखंडों के 100 से अधिक आबादी वाले गांवों को भी बारहमासी सड़कों से जोड़ने का काम चल रहा है। राज्य को पीएमजीएसवाय-3 की सड़कें बनाने की भी मंजूरी मिल गई है।

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सामान्य जिलों और आंशिक रुप से नक्सल प्रभावित (Naxal Area) जिलों में कुल 6473 सड़कें स्वीकृत की गई हैं, जिनकी कुल लंबाई 32128 किमी है। इसमें पीएमजीएसवाय-3 अंतर्गत कुल 443 सड़कें शामिल हैं, जिनकी लंबाई 2713 किमी है। अब तक कुल 5928 सड़कों का काम पूरा हो चुका है, जिनकी कुल लंबाई 26400 किमी है। वहीं, स्वीकृत किए गए 317 पुलों में से 237 पुल भी बनाए जा चुके हैं।

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छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सीईओ आलोक कटिया के अनुसार, “पीएमजीएसवाय सड़कों के निर्माण में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। बारिश के बाद काम में तेजी आएगी। पीएमजीएसवाय-3 के अंतर्गत 535 सड़कों की स्वीकृति मिली है जिसकी कुल लंबाई 5612 किमी है।”

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