COVID-19: कोरोना के खिलाफ मैदान में उतरी भारतीय सेना, लॉन्च किया ‘ऑपरेशन नमस्ते’

कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) ने मोर्चा संभाल लिया है। कोरोना वायरस को हराने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन नमस्ते’ (Operation Namaste) शुरू किया है।

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कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) ने भी मोर्चा खोल दिया है। कोरोना वायरस को हराने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन नमस्ते’ (Operation Namaste) शुरू किया है। इसकी घोषणा करते हुए आर्मी चीफ एमएम नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि सेना ने अब तक के अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और ‘ऑपरेशन नमस्ते’ को भी सफलतापूर्वक अंजाम देगी।

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कोरोना वायरस के खिलाफ भारतीय सेना ने मोर्चा खोल दिया है।

सेना (Indian Army) ओर से हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। सेना ने साउर्थन कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्थन कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड और दिल्ली मुख्यालय में कोरोना हेल्प लाइन सेंटर बनाया है और 27 मार्च को नंबर जारी कर दिया गया। इसके जरिए कोरोना वायरस (COVID-19) से जूझ रहे लोगों की मदद की जाएगी। अगर आम लोगों को कोई जानकारी चाहिए तो वह भी मुहैया कराई जाएगी।

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि सेना ने कोरोना पर जीत के लिए ‘ऑपरेशन नमस्ते’ शुरू किया है। सेना प्रमुख ने कहा कि ‘हमारा देश ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से गंभीर समस्या से गुजर रही है। इस समस्या से लड़ने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस लड़ाई में सरकार और नागरिक प्रशासन की पूरी सहायता करना हमारा फर्ज है। सेना प्रमुख होने के नाते मेरी प्राथमिकता सेना की सुरक्षा है। हम सबने इस बीमारी से दूर रहना है। इसके लिए सबको सुरक्षित और अपने आपको फिट रखना है। जब हम सुरक्षित होंगे तभी हम अपनी ड्यूटी सही तरीके से निभा पायेंगे।’

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जनरल नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने यह भी कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए सेना में कई निर्देश जारी किए हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए जरूरी है। जो यूनिट फील्ड फॉर्मेशन के ऑपरेशनल ड्यूटी में नहीं है वो सरकार के लॉकडॉउन का पालन करेंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि कोरोना का सामना करने के लिए छुट्टी लेने पर जो पाबंदी लगाई गई है इससे कईयों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सेना प्रमुख ने सरहद पर तैनात सभी सैनिकों को भरोसा दिलाया कि उनके परिवार पर विशेष ध्यान रखेंगे।

आर्मी चीफ (Army Chief) ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि हम अपने ‘ऑपरेशन नमस्ते’ में सफल होंगे। हमने कमांड वार हेल्पलाइन की स्थापना की है, जिससे कोई मदद लेने के लिए संपर्क कर सकता है। सेना ने देशभर में कई क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए हैं। इसके अलावा, अगर कोई समस्या सामने आती है तो परिवार नजदीकी आर्मी कैंप में भी जा सकते हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें पता था कि छुट्टी को रद्द करने से सैनिकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है लेकिन साल 2001-02 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सेना के जवानों ने आठ से दस महीने तक छुट्टियां नहीं ली थीं। आखिर में जनरल नरवणे ने सैनिकों से कहा कि जो भी और जहां भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं ये सोच कर करना है कि हर काम देश के नाम।

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