पाकिस्तानी आतंकियों ने चीन निर्मित ड्रोन को बनाया नया हथियार, ड्रोन की लगातार घुसपैठ से अलर्ट पर भारतीय जवान

भारत–पाक सीमा के पार सियालकोट जिले के शकरगढ़ इलाके में ड्रोन आतंकी साजिश का कंट्रोल रूम स्थापित है। जिसकी कमान पाकिस्तान सेना के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी के पास है।

Terrorists

सांकेतिक फोटो

भारत-पाक सीमा पर सीजफायर के कारण गोलाबारी का सिलसिला भले ही थमा हुआ है‚ लेकिन पाकिस्तानी ड्रोन के कारण भारतीय इलाके में लगातार दबाव जारी है। यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि सीमा पार से भारतीय इलाके में घुसपैठ करने वाले ड्रोन चीन निर्मित हैं और पाक आर्मी व आईएसआई के शह पर आतंकियों (Terrorists) द्वारा संचालित किये जा रहे हैं।

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सूत्रों का कहना है कि क्योंकि बॉर्डर पर कड़ी सख्ती के कारण आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ मुश्किल हो रही है। इसलिए पाकिस्तान ने आतंकी हमलों के लिए ड्रोन को एक नया हथियार बनाया है। इसकी बानगी पिछले 27 जून को जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल परिसर में दो ड्रोन के जरिए किया गया आतंकी हमला है। जिसकी जांच एनआईए के हाथ में है। सुरक्षा एजेंसियां इस आशंका से इनकार नहीं कर रही कि बॉर्डर पार से 15 अगस्त के मौके पर ड्रोन के जरिए बड़े हमले किए जा सकते हैं।

सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि चीन निर्मित हेक्साकॉप्टर ड्रोन के ऑपरेशन की ट्रेनिंग पाकिस्तानी सेना व आईएसआई आतंकियों (Terrorists) को देने में लगी। इस प्रकार के भी इनपुट्स मिल रहे हैं कि यहां भारत–पाकिस्तान सीमा व नियंत्रण रेखा पर आतंकियों की गतिविधियों में तेजी आई है। वहां मौजूद लॉन्चिंग पैड्स पर लश्कर–ए–तयबा और जैश–ए–मोहम्मद के आतंकी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

ये आतंकी दस्ते घुसपैठ की फिराक में हैं। इसके अलावा जिन आतंकियों (Terrorists) को ड्रोन से हमला करने की ट्रेनिंग दी जा रही है‚ वह भी बड़े हमले की साजिशों को अंजाम देने की कोशिश में है। भारत–पाक सीमा के पार सियालकोट जिले के शकरगढ़ इलाके में ड्रोन आतंकी साजिश का कंट्रोल रूम स्थापित है। जिसकी कमान पाकिस्तान सेना के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी के पास है।

पिछले दिनों भारत–पकिस्तान सीमा के कानाचक सेक्टर के गुड़ा पट्टन इलाके में राज्य पुलिस ने पाकिस्तान की ओर से आए जिस हेक्साकॉप्टर ड्रोन को मार गिराया वह इस सेक्टर के सामने पाकिस्तानी क्षेत्र की आजम पोस्ट अथवा उससे सटी खैरी पोस्ट से आया लगता था। जो भारत-पाक सीमा के गढ़खाल रास्ते से आया।

भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल वीके शाही भी आतंकी हमलों में ड्रोन के इस्तेमाल को पाकिस्तान का एक नया बड़ा हथियार मानते हैं। यहां भारत पाक सीमा से आतंकी घुसपैठ के लिए उससे सटे उज्ज‚ बसंतर‚ तवी तथा चिनाब‚ दरियाव छोटी नदियां मुफीद साबित होती रही है।

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