टीबीएएल ने बोइंग को सौंपा एएच-64 अपाचे का 100वां फ्यूसलाज, यह लड़ाकू हेलिकॉप्टर है वायुसेना का अहम हिस्सा

टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) ने हैदराबाद स्थित अपने संयंत्र से एएच-64 अपाचे (Boeing AH-64 Apache) लड़ाकू हेलिकॉप्टर के लिए 100वां फ्यूसलाज यानी विमान का ढांचा बोइंग को सौंप दिया है।

Boeing AH-64 Apache

Boeing AH-64 Apache (File Photo)

एएच-64 अपाचे (Boeing AH-64 Apache) दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-रोल लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है।

टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) ने हैदराबाद स्थित अपने संयंत्र से एएच-64 अपाचे (Boeing AH-64 Apache) लड़ाकू हेलिकॉप्टर के लिए 100वां फ्यूसलाज यानी विमान का ढांचा बोइंग को सौंप दिया है। 23 जुलाई को टीबीएएल ने यह जानकारी दी। फ्यूसलाज के पूरी तरह से तैयार होने के बाद उसे अमेरिका के एरिजोना स्थित बोइंग के एएच-64 अपाचे मैन्यूफैक्चरिंग संयंत्र ले जाया जाएगा।

बता दें कि टीबीएएल बोइंग और टाटा का संयुक्त उपक्रम है। टीबीएएल मई, 2018 से अपाचे फ्यूसलाज की आपूर्ति कर रहा है। बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते के अनुसार, टाटा बोइंग एयरो स्पेस लिमिटेड आत्मनिर्भर भारत के प्रति बोइंग की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले दो वर्षों में भारत से अपनी सोर्सिंग को चार गुना बढ़ाकर एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कर दिया है।

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बता दें कि एएच-64 अपाचे (Boeing AH-64 Apache) दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-रोल लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने सितंबर, 2015 में 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ करोड़ों डॉलर का करार किया था।

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इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपए की लागत से बोइंग से छह अपाचे हेलिकॉप्टरों के साथ हथियार सिस्टम्स खरीद को मंजूरी दी थी।

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