छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित (Lon Varratu campaign) जिला दंतेवाड़ा में प्रशासन के लोन वर्राटू अभियान का असर देखने को मिल रहा है। इसी के तहत नक्सल संगठन के सदस्य लगातार हिंसा का रास्ता छोड़ सामान्य जीवन जीने के लिए सरेंडर कर रहे हैं। इसी कड़ी में 10 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सल दंपति ने पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिया है।
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दंतेवाड़ा पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पामेड़ एरिया कमेटी के सदस्य पज्जो उर्फ संजू मांडवी और लक्खे उर्फ तुलसी मांडवी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इन दोनों नक्सल दंपति पर 70 जवानों की हत्या में शामिल होने का आरोप है।
बताते चलें कि पज्जो और लक्खे के खिलाफ इसी साल तर्रेम एनकाउंटर समेत दक्षिण बस्तर की 12 बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन ने बाकायदा 5-5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। लेकिन जंगलों में दर-दर भटकने के बाद दोनों को घर वापसी के लिए लोन वरार्टू अभियान (Lon Varratu campaign) का सहारा लेना पड़ा
गौरतलब है कि पामेड़ एरिया कमेटी की प्लाटून नंबर 9 का कमांडर पोज्जा उर्फ संजू मांडवी और लक्खे उर्फ तुलसी माड़वी ने सीआरपीएफ डीआईजी विनय कुमार सिंह और पुलिस अधिक्षक अभिषेक पल्लव के सामने हथियार डाल दिया। प्रशासन भी इन दोनों नक्सलियों को लोन वर्राटू अभियान (Lon Varratu campaign) के तहत दी जानी वाली सहायता राशि और पुनर्वास में मदद भी करेगी। अभी तक लोन वर्राटू अभियान के वजह से करीब 580 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ पुलिस के सामने सरेंडर किया है।
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