अफगानिस्तान में जारी हिंसा के पीछे आईएसआई और पाक सेना का हाथ, तालिबानी लड़ाकों की हर संभव मदद कर रहा पाकिस्तान

अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने तालिबान आतंकवादी समूह के लिए समर्थन बढ़ा दिया है।

Afghanistan

Image Credit: Al Jazeera

अफगानिस्तान (Afghanistan) में मचे तालिबानी आतंक (Taliban Resurgence) के पीछे पाकिस्तानी सेना और वहां की खूफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। पाकिस्तान के इशारे पर ही तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान में कत्लेआम मचा रहे हैं। ये आरोप भारत सरकार नहीं बल्कि पीड़ित देश अफगानिस्तान लगा रहा है। हालांकि हमेशा की ही तरह इस बार भी पाकिस्तान ने अपने उपर लगे तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। 

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ दुनिया का सबसे एडवांस हेलीकॉप्टर, दुश्मनों का काल है ये ‘रोमियो’

दरअसल काबुल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है कि मौजूदा समय में तालिबान जिहाद के नाम पर हत्या और विनाश में शामिल है और देश में पाकिस्तानी आदेशों को लागू करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है। तालिबानी नेता स्वतंत्र रूप से पाकिस्तान जाते हैं और बात करते हैं, यहां तक कि जुमे की नमाज के दौरान लोगों से खुले तौर पर पैसा इकट्ठा करते हैं।

हाल ही में, सोशल मीडिया पर वीडियो में दिखाया गया है कि तालिबान में मारे गए आतंकवादियों के शवों को पाकिस्तान ले जा कर वहां अंतिम संस्कार कर रहे थे। पहले की कुछ रिपोर्टों में यह भी दिखाया गया था कि पाकिस्तान तालिबान नेताओं और लड़ाकों को चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान कर रहे थे।

संपादकीय में आगे बताया गया है कि कुछ क्षेत्रीय देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी राज्य, मुख्य रूप से पाकिस्तान, चार दशकों से अधिक समय से अफगानिस्तान (Afghanistan) में संकट और इसके जारी रहने की निगरानी कर रहे हैं और देश में हुई प्रगति को कम करने के अलावा कोई अन्य योजना नहीं है।

संपादकीय के मुताबिक, अफगानिस्तान के संकट और विनाश के साथ-साथ देश में एक आधिकारिक सरकार की कमी पाकिस्तान की रणनीतिक योजना का ही हिस्सा है। अफगानिस्तान (Afghanistan) में विद्रोह से निपटने के लिए और अल कायदा और इस्लामिक स्टेट सहित आतंकवादियों को दबाने के लिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और उसके सहयोगी पाकिस्तान में अपने वित्त पोषण संसाधनों और सुरक्षित पनाहगाहों पर ध्यान केंद्रित करें।

संपादकीय में कहा गया है कि विद्रोहियों के खिलाफ जारी सैन्य अभियान तब तक सकारात्मक परिणाम नहीं देगा, जब तक कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ युद्ध में कड़े कदम नहीं उठाता और तालिबान और अपने क्षेत्र में अन्य आतंकवादियों के केंद्रों को बंद नहीं करता है।

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों को पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों का समर्थन छोड़ने के लिए मनाने के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए। एक और 9/11 की घटना घटित होगी, जिसकी जड़ें निश्चित रूप से पाकिस्तान में होंगी, जैसा कि उसने पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने से साबित किया था।

संपादकीय के मुताबिक, तालिबान की बढ़ती हिंसा और कुछ जिलों के अधिग्रहण के साथ, अफगान अधिकारियों और आम लोगों ने आतंकवादी समूहों को रसद और वित्तीय सहायता के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, उनके नेताओं की मेजबानी की और उनके घायल लड़ाकों का इलाज किया।

एक नए प्रयास में, अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने तालिबान आतंकवादी समूह के लिए समर्थन बढ़ा दिया है। गुरुवार को पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वायु सेना तालिबान को हवाई सहायता प्रदान कर रही है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें