भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता से पेश आती है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI, सामने आई ये सच्चाई

आईएसआई द्वारा 1971 की जंग में युद्धबंदी बनाए गए कुछ जवानों को इस कदर प्रताड़ित किया गया है कि वे पागल हो गए हैं या फिर गूंगे या बहरे हो गए हैं।

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पाक पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)

दुनियाभर में जहां कहीं भी आतंकी हमला होता है, उसके तार कहीं ना कहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से जुड़े पाए जाते हैं। पाकिस्तान एशिया प्रांत में आतंकवाद फैलाने के लिए इस एजेंसी के खुफिया तंत्र का बखूबी इस्तेमाल करता है।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई धूर्त और मक्कार है। ये एजेंसी भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार करती है। पाकिस्तान अपनी असलियत दुनिया के सामने कभी छिपा नहीं सकता। पाकिस्तान की जेल से छुटकर आए भारतीय जवानों ने कई मौकों पर इस खुफिया एजेंसी की मक्कारी को बयां किया है।

प्रताड़ना झेलकर आए कई जवानों ने एक ही बात कही है कि खुफिया एजेंसी आईएसआई जवानों को पीट-पीटकर, गंदी तरह से प्रताड़ित करता है। दुनियाभर में जहां कहीं भी इस्लामी आतंकियों का हमला होता है, उसके तार कहीं ना कहीं से आईएसआई से जुड़े पाए जाते हैं। पाकिस्तान एशिया प्रांत में आतंकवाद फैलाने के लिए इस एजेंसी के खुफिया तंत्रा का बखूबी इस्तेमाल करता है।

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ये एजेंसी जवान के अलावा जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ भी अमानवीय व्यवहार करती आई है। उन्हें ‘रॉ’ का एजेंट बताकर उनके जिंदा शरीर से खून निकालकर खूंखार कुत्तों को पिलाती है। ऐसा दावा जेल से छुटकर आए भारतीयों ने ही किया है।

बताया जाता है कि आईएसआई द्वारा 1971 की जंग में युद्धबंदी बनाए गए कुछ जवानों को इस कदर प्रताड़ित किया गया है कि वे पागल हो गए हैं या फिर गूंगे या बहरे हो गए हैं।

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