‘तिरंगे में लिपटकर लौटूंगा, पर वादा है कि दुश्मनों को भी जिंदा नहीं छोड़ूंगा’- जवान सुरेंद्र ने मां से कही थी ये बात

Indian Army: कुछ सैनिक ऐसे थे जो जंग के मैदान में शहीद हो गए थे। ऐसे ही एक जवान सुरेंद्र भी थे। सुरेंद्र ने अपने साथियों के साथ ऐसा हमला किया कि पाक के करीब 20 जवान मौके पर ही ढेर हो गए थे।

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Indian Army: कुछ सैनिक ऐसे थे जो जंग के मैदान में शहीद हो गए थे। ऐसे ही एक जवान सुरेंद्र भी थे। सुरेंद्र ने अपने साथियों के साथ ऐसा हमला किया कि पाक के करीब 20 जवान मौके पर ही ढेर हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध (Kargil War) में हमारे सैनिकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर जीत दिलवाई थी। 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भी कश्मीर हड़पने आया पाकिस्तान बुरी तरह से हारकर लौटा था।

सेना (Indian Army) ने ऐसा पराक्रम दिखाया जिसे यादकर दुश्मन देश थर-थर कांप उठता है। कुछ सैनिक ऐसे थे जो जंग के मैदान में शहीद हो गए थे। ऐसे ही एक जवान सुरेंद्र भी थे।

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कारगिल के द्रास सेक्टर में जहां सुरेंद्र तैनात थे। वहां पाकिस्तानी फौजी गोलियां और बम बरसाकर भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। सुरेंद्र ने अपने साथियों के साथ ऐसा हमला किया कि पाक के करीब 20 जवान मौके पर ही ढेर हो गए थे।

मुरादनगर के सुराना गांव की चंपा देवी ने करीब 20 साल पहले अपने बेटे सुरेंद्र को कारगिल की जंग में खो दिया था। सुरेंद्र ने अपनी मां से युद्ध में जाने से पहले एक बेहद ही बहादुरी वाली बात कही थी।

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उनकी मां बताती हैं कि सुरेंद्र ने कहा था, “मैं बॉर्डर पर जा रहा हूं। अगर जिंदा नहीं बचा तो तिरंगे में लिपटकर ही लौटूंगा, पर वादा करता हूं कि देश के दुश्मनों को भी जिंदा नहीं छोड़ूंगा। मेरे बेटे ने अपना वादा निभाया और अपनी जान दे दी, लेकिन देश पर आंच नहीं आने दी।”

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