एक बार उत्तम कुमार कलकत्ता में नाटक कर रहे थे तभी वहां उन्हें गुरुदत्त ने देखा और उन्हें फिल्म ऑफर कर दिया। फिल्म थी 'साहब बीबी और गुलाम' लेकिन इसके साथ ही गुरुदत्त ने उनके सामने 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट की शर्त भी रखी, जिसकी वजह से उत्तम कुमार को यह फिल्म छोड़नी पड़ी।

साधना ने टाइट चूड़ीदार सलवार और कमीज से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। जो 70 के दशक का फैशन ट्रेड मार्क भी बना रहा। चाहे वो शम्मी कपूर हों, संजय खान, देवानंद, राजेन्द्र कुमार या फिर सुनील दत्त सबके साथ साधना की जोड़ी सुपरहिट रही।

उनकी सबसे बेहतरीन रचना मानी जाती है ‘पिंजर’। इसे उन्होंने साल 1950 में लिखा था। इस उपन्यास में उन्होंने विभाजन के दौरान महिलाओं की दशा को उकेरा था।

भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को हर मोर्चे पर पटकनी देने को पूरी तरह से कमर कस चुका है। पाकिस्तान के आतंकवाद से निबटने के लिए भारत तीन स्तर पर अपने पड़ोसी को घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है।

उन्हें और उनकी फिल्म को तीन बार फिल्मफेयर बेस्ट एडिटिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया, जिसमें 1956 की फिल्म “नौकरी”, 1959 की “मधुमती” और “1972” की आनंद शामिल है। उन्हें 1999 में भारतीय फिल्म जगत के शीर्ष सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं, साल 2001 में उन्हें “पद्म विभूषण” से नवाजा गया।

जबसे भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 से हटाया है, तभी से इमरान खान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना रोना रो रहे हैं। वे भारत के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो उन्होंने और उनके मंत्रियों ने अभियान ही छेड़ रखा है।

हंगल कहते थे कि जब लोग रिटायर होते हैं तब मैंने फिल्मों में एंट्री ली। 1966-67 में जब उनकी उम्र करीब 50 की थी, उन्होंने सुबोध मुखर्जी की फिल्म ‘शागिर्द’ की। उन्हें निर्देशक बासु भट्टाचार्य ने ‘तीसरी कसम’ में राज कपूर के भाई के रोल में काम मिला।

आत्मसमर्पण करने वाला दूसरा नक्सली केसु भैरमगढ़ एरिया कमेटी में साल 2003 से काम कर रहा था। वह नक्सलियों के ट्रेनिंग स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करता था। इसके साथ ही वह फायरिंग और आगजनी की कई घटनाओं में शामिल रहा है।

द्विवेदी जी बेहतरीन उपन्यासकार, कवि आलोचक और निबंधकार माने जाते रहे हैं। उनकी सांस्कृतिक दृष्टि जबरदस्त थी। उसमें इस बात पर विशेष बल था कि भारतीय संस्कृति किसी एक जाति की देन नहीं है, बल्कि अनेक जातियों के सहयोग से इसका विकास हुआ है।

अटल बिहारी बाजपेयी भी उन श्रेष्ठ महापुरुषों में से एक थे। उन्होंने स्वयं अपने जीवन के लिए कभी कोई मार्ग निर्धारित नहीं किया। उनका बस एक ही मार्ग था, जनकल्याण।

Independence Day 2019: पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले वायुसेना के 5 जांबाज पायलटों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

Independence Day (Swatantrata Diwas) 2019:15 अगस्त की सुरक्षा के मद्देनजर पहली बार लाल किला परिसर में AFRS यानी (ऑटोमेटेड फेशियल रेकग्निशन सिस्टम) से लैस कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन कैमरों की खासियत है कि इनमें तमाम ऐसे लोगों के डेटा और फोटोग्राफ अपलोड हैं, जिनसे सुरक्षा का खतरा है।

Independence Day (Swatantrata Diwas) 2019: परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र से युद्ध काल में सर्वोच्च बलिदान के लिए नवाजा जाता है जबकि अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शांति काल में सर्वोच्च सेवा और बलिदान के लिए दिया जाता है।

अपनी चर्चित आत्मकथा ‘बियोंड द लाइंस’ के अलावा कुलदीप नैयर ने ‘इंडिया आफ्टर नेहरू’, ‘इमरजेंसी रिटोल्ड’ और ‘स्कूप’ सरीखी किताबें लिखीं। लाहौर में भगत सिंह पर चले मुकदमे पर कुलदीप नैयर ने एक किताब लिखी, ‘विदाउट फीयर : द लाइफ एंड ट्रायल ऑफ भगत सिंह’।

दो दशकों से ज्यादा समय तक बॉलीवुड पर राज करने वाली एक्ट्रेस वैजयंती माला ने अपनी फिल्म 'देवदास' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड लौटा दिया था। उनका मानना था कि उनका किरदार पारो के बराबर ही था ना कि वह किसी सपोर्टिंग एक्ट्रेस की भूमिका में थीं।

1942 में एक फिल्म आयी 'भरत मिलाप'। विजय भट्ट इसके निर्देशक थे। इसमें प्रेम अदीब ने भगवान राम की भूमिका निभायी और खूब प्रशंसा बटोरी। लेकिन 1943 में आयी फिल्म 'राम राज्य' ने उनके जीवन में चमत्कार कर दिया। इ

व्यंग्य को हिंदी साहित्य में एक विधा के रूप में पहचान दिलाने वाले हरिशंकर परसाई ने व्यंग्य को मनोरंजन की पुरानी एवं परंपरागत परिधि से बाहर निकालकर समाज कल्याण से जोड़कर प्रस्तुत किया।

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