मदन मोहन से आशा भोंसले को अक्सर यह शिकायत रहती थी कि आप अपनी हर फिल्मों के लिए लता दीदी को हीं क्यों लिया करते हैं, इस पर मदन मोहन कहा करते थे कि जब तक लता जिंदा है मेरी फिल्मों के गाने वही गाएगी।

इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव में ‘भ्रष्ट तौर तरीके’ अपनाने के आरोप में चल रहे एक केस में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की इलाहाबाद खंडपीठ ने उन्हें सजा देकर छह वर्षों के लिए राजनीति से बेदखल कर दिया था।

जब वी पी सिंह फाइनेंस मिनिस्टर थे, तब टैक्स चोरी को लेकर वो धीरूभाई अंबानी और अमिताभ बच्चन के पीछे पड़ गए थे। यही वजह थी कि उन्हें वित्त से हटाकर रक्षा मंत्रालय दे दिया गया। लेकिन यह दांव कांग्रेस सरकार को काफी भरा पड़ा।

सुचेता एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने देश के लिए अपने परिवार, करियर और मां बनने के सपने का त्याग कर दिया

डॉ. मुखर्जी इस प्रण पर सदैव अडिग रहे कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत का ही परिणाम है कि आज हम बिना परमिट जम्मू-कश्मीर आ-जा रहे हैं।

कला और सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2008 में ऑल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रसिद्ध फिल्मों में सत्यजीत रे की 'शतरंज के खिलाड़ी' और 'जुनून' शामिल हैं।

अपनी धाकड़ अदायगी से स्क्रीन पर राज करने वाले अमरीश पुरी अपने करियर के पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने ESIC में नौकरी शुरू कर दी थी।

उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ ऐसा लिख दिया था कि वर्गीज को आपातकाल में हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक के पद से हटना पड़ा था।

कुमाऊं के तराई क्षेत्र से डॉ. अली ने बया पक्षी की एक ऐसी प्रजाति ढूंढ़ निकाली जो लुप्त घोषित हो चुकी थी।

नसीम बानो ने निश्चय किया कि वह अपनी बेटी के सिने करियर को सजाने संवारने के लिये के लिए अब काम करेंगी।

उन्हें वकालत करते हुए अभी एक वर्ष भी नहीं बीता था कि चम्पारण में नील आंदोलन उठ ख़डा हुआ। इस आंदोलन ने उनके जीवन की धारा ही बदल दी।

रानी पूरी तरह से फंस चुकी थीं। रानी अकेली थीं और सैकड़ों अंग्रेज सैनिक। सबने मिल कर रानी पर वार शुरू कर दिए। रानी घायल हो कर गिर पड़ीं। लेकिन अंग्रेज सैनिकों को जाने नहीं दिया।

सुरैया अपनी फिल्मों और गानों के अलावा सबसे ज्यादा जिस बात के लिए चर्चा में रहीं, वो थी उनकी और देव आनंद की प्रेम कहानी।

अपने अलबेलापन वाले मिजाज के लिए इंशा जी मशहूर थे। उनकी लिखी ‘उर्दू की आखिरी किताब’ व्यंग्य-साहित्य का बेजोड़ नमूना है।

कभी शोहरत के शिखर पर बैठा यह अभिनेता अपनी जिंदगी के आखरी दिनों में पैसे- पैसे को मोहताज हो गया था।

Birth Anniversary: आज जन्मदिन है उस नायब फनकार का जिनकी कलम से निकले गीतों के बिना हमारी आजादी का जश्न अधूरा है।

′औलाद′, ′एक ही रास्ता′, ′साधना′, ′धूल का फूल′, ′वचन, दुश्मन′, ′अभिमान′ और ′संतान′ आदि हिट फिल्मों की कथा-पटकथा या संवाद के लेखक पंडित जी का नाम फिल्मों के पोस्टर पर छपता था।

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