अगस्त क्रांति दिवस: अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का शंखनाद
जब दूसरे विश्वयुद्ध में भारत से सहायता लेने के बाद भी जब अंग्रेजों ने भारत को आजाद करने का अपना वादा नहीं निभाया तो गांधी जी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत की।
Kargil Vijay Diwas 2019: पाकिस्तानी घुसपैठियों की बर्बरता के आगे भी नहीं झुका यह जांबाज
सौरभ कालिया की उम्र उस वक्त 23 साल थी और अर्जुन राम की महज 18 साल। कैप्टन सौरभ कालिया सेना में नियुक्ति के बाद अपनी पहले महीने की सैलरी भी नहीं उठा पाए थे।
सोमनाथ चटर्जी: कभी सुप्रीम कोर्ट का जज बनने का मिला था ऑफर, पर हंसी में उड़ा दिया
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते कानून मंत्री शिव शंकर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखर नेता सोमनाथ चटर्जी से कहा कि सरकार उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाना चाहती है। विपक्ष के बड़े नेता को सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की पेशकश मिलना बड़ी बात थी।
बाल गंगाधर तिलक: वह स्वतंत्रता सेनानी जिसने बुलंद किया था ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा
महाराष्ट्र में घर-घर में मनाए जाने वाले गणेश महोत्सव को तिलक ने घरों से बाहर मनाने की अपील की। इसी बहाने लोगों को एक साथ जागरुक और संगठित किया जा सकता था। तिलक का विचार काम कर गया।
बटुकेश्वर दत्त: वह क्रांतिकारी जिसने आजाद भारत में जी जिल्लत की जिंदगी
हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वो कानपुर आ गए। कानपुर शहर में ही उनकी मुलाकात चंद्रशेखर आजाद से हुई। उन दिनों चंद्रशेखर आजाद झांसी, कानपुर और इलाहाबाद के इलाकों में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियां चला रहे थे।
Rajesh Khanna: लड़कियां जिनकी गाड़ी को KISS कर गुलाबी कर देती थीं, डिंपल कपाडिया को बनाया हमसफर
Rajesh Khanna Death Anniversary: राजेश खन्ना की आंख झपकाने, गर्दन टेढ़ी करने की अदा पर उस समय में युवा फिदा हुआ करते थे। उनके द्वारा पहने कुर्ते और पैंट युवाओं में फैशन हुआ करते थे। युवा लड़कियों की लिपस्टिक के निशान राजेश खन्ना की कार पर उकेरे हुए मिलते थे।
दिल्ली की पहली महिला मेयर अरुणा आसफ अली, अंग्रेजों ने इनके सिर पर रखा था 5 हजार का इनाम
अरुणा ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ अपने से 23 वर्ष बड़े और गैर ब्राह्मण समुदाय से संबंधित आसफ अली से प्रेम विवाह किया। आसफ अली इलाहाबाद में कांग्रेस पार्टी के नेता थे।
बीना राय: इस ‘अनारकली’ के दीवाने हजारों थे, ऐसे हुई फिल्मों में एंट्री
1967 के बाद वे अभिनय से नाता तोड़कर पूरी तरह घर-गृहस्थी में रम गईं थीं। कभी लाखों फिल्मी दर्शक के दिल पर राज करने वाली हीरोइन बीना राय अंतिम समय में मुंबई के मालाबार हिल स्थित अनीता भवन में बेटे मोंटी के साथ रहती थीं।
प्रकाश मेहरा अमिताभ बच्चन को बुलाते थे ‘लल्ला’, इन 5 फिल्मों ने चमका दिया उनका करियर
जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ और प्रकाश मेहरा की सुपरहिट फिल्मों का कारवां काफी समय तक चला। इस दौरान लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, नमक हलाल, शराबी, हेराफेरी जैसी कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता का परचम लहराया।
Swami Vivekananda Death Anniversary: छोटी उम्र में ही संन्यास लेकर दुनिया को दिखाई आध्यात्म की रोशनी
भारत से दो लोग धर्म संसद में भेजे गए थे। ब्रह्म समाज की ओर से मजूमदार और थियोसोफिकल सोसायटी की तरफ से श्रीमती ऐनी बेसेंट। लेकिन हिन्दू धर्म की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं था। स्वामी जी हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि तो थे लेकिन भारत से बाकायदा नामित करके भेजे गए प्रतिनिधि नहीं, स्वेच्छा से जाने वाले एक आगंतुक अतिथि के समान।
राजकुमार को पुलिस स्टेशन में मिला था पहली फिल्म का ऑफर, अंदाज़ और डायलॉग्स ने बुलंदी पर पहुंचाया
राजकुमार जिस पुलिस स्टेशन में तैनात थे वहां अक्सर फिल्म इन्डस्ट्री के लोग आते-जाते रहते थे। एक बार फिल्म निर्माता बलदेव दुबे किसी काम से वहां आए हुए थे। राजकुमार के बात करने के अंदाज से वो इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म का ऑफर दे दिया।
अमेरिकी टैंकों को तबाह कर पाकिस्तानी सेना को चटाई धूल, पढ़िए वीर अब्दुल हमीद से जुड़ी रोचक बातें
अपने प्राणों की चिंता न करते हुए अब्दुल हमीद ने अपनी "गन माउन्टेड जीप" को एक टीले के समीप खड़ा कर दिया और गोले बरसाते हुए शत्रु के तीन टैंक ध्वस्त कर डाले। वीर हमीद की शहादत ने यह सन्देश भी दिया कि केवल साधनों के बलबूते युद्ध नहीं जीता जाता।
National Doctor’s Day 2019: वह मुख्यमंत्री जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है ‘डॉक्टर्स डे’
देश और समाज के लिए की गई उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1961 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मनित किया।
‘उड़न परी’ पीटी उषा का ही कमाल था कि एथलेटिक्ट ने क्रिकेट को भी पछाड़ दिया था
पीटी उषा ने 1985 में जकार्ता में हुए खेलों में कुल 6 पदक जीते, जिसमें 5 गोल्ड और एक ब्रांज मेडल शामिल है। यह सफर यहीं नहीं थमा और 1983 से 1989 के बीच हुई प्रतियोगिताओं में उन्होंने 13 गोल्ड मेडल अपने नाम किए।
पंचम दा ने बॉलीवुड में संगीत की परिभाषा ही बदल दी, बीयर की बोतल तक से निकालते थे धुन
लता का आरडी के पिता एसडी बर्मन से विवाद चल रहा था। लता उनके घर नहीं जाना चाहती थीं। पंचम दा चाहते थे कि लता उनके घर आकर रिहर्सल करें। लता ने आरडी के सामने शर्त रखी कि वे जरूर आएंगी, लेकिन घर के अंदर पैर नहीं रखेंगी।
वंदे मातरम् के रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से
वंदे मातरम् में आने वाले शब्द दशप्रहरणधारिणी, कमला कमलदल विहारिणी और वाणी विद्यादायिनी..... भारतीय संस्कृति की अनुपम व्याख्या करते हैं।
करण जौहर के डैड कभी चलाते थे मिठाई की दुकान, ऐसे शुरू हुआ था फिल्मी करियर
यश जौहर के इस हुनर से बेहद इंप्रेस थीं मधुबाला। फिर मधुबाला के चलते ही मुंबई में इनकी पहली नौकरी लगी।