Vijay Diwas 2020: झारखंड के शहीद चामू उरांव आज भी हैं गुमनाम, फुटबॉल खिलाड़ी से बने थे सैनिक
झारखंड (Jharkhand) के गुमला के सैनिक चामू उरांव 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। चामू उरांव देश के लिए शहीद हुए, लेकिन आज वे आम जनता के बीच गुमनाम हैं। वे फुटबॉल खिलाड़ी से सैनिक बने थे। शहीद चामू उरांव (Martyr Chamu Oraon) का घर गुमला शहर से सटे पुग्गू घांसीटोली गांव में है।
Vijay Diwas 2020: 1971 के युद्ध में भारत ने दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत, पाकिस्तान को 13 दिनों में ही चटा दी थी धूल
Vijay Diwas: साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) हुआ था। इस युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना (Indian Army) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
Vijay Diwas 2020: वतन लौटने की उम्मीद में हैं पाकिस्तान की जेलों में बंद 54 भारतीय जांबाज
'विजय दिवस' (Vijay Diwas) हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। भारत के इतिहास यह दिन बहुत अहम है। 49 साल पहले 1971 की जंग (1971 Indo Pak War) में भारत ने पाकिस्तान को ना केवल धूल चटाई, बल्कि पड़ोसी मुल्क के दो टुकड़े भी हो गए, जिसके बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया।
Vijay Diwas 2020: भारतीय नौसेना ने जारी किया वीडियो, लिखा- ‘हर काम देश के नाम’
नौसेना ने वीडियो के आखिर में लिखा है कि 'हर काम देश के नाम।' इस वीडियो में घातक ट्राइडेंट ऑपरेशन और पायथन ऑपरेशन की झलक दिखाई देगी।
कारगिल के इस योद्धा ने 19 साल तक लड़ी पेंशन की लड़ाई लेकिन नहीं मानी हार
उन्होंने कारगिल युद्ध की सबसे दुर्गम चोटी टोलोलिंग पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्हें गोली लगी और वह घायल हो गए थे।
Kargil Vijay Diwas: ब्रिगेडियर कारिअप्पा की वीरगाथा, हथियारों की कमी के बाद भी ऐसे जीती जंग
पूरे 21 साल पहले हुए कारगिल युद्ध को यादकर ब्रिगेडियर कारिअप्पा की आंखे नम हो जातीं हैं।
कारगिल: 3 तरफ से घिरे होने के बाद भी इस भारतीय वीर ने पाकिस्तान को सिखाया था सबक
क्या आपने कभी कल्पना भी की है, क्या मंजर होता होगा युद्ध के मैदान में। भारत-पाक सीमा के सबसे खतरनाक चेक पोस्ट पर तैनात महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने इस युद्ध के संघर्ष की कहानी के बारे में मीडिया से बात की।