Vijay Diwas 2020: वतन लौटने की उम्मीद में हैं पाकिस्तान की जेलों में बंद 54 भारतीय जांबाज

‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। भारत के इतिहास यह दिन बहुत अहम है। 49 साल पहले 1971 की जंग (1971 Indo Pak War) में भारत ने पाकिस्तान को ना केवल धूल चटाई, बल्कि पड़ोसी मुल्क के दो टुकड़े भी हो गए, जिसके बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया।

Vijay Diwas

फाइल फोटो।

‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। 49 साल पहले 1971 की जंग (1971 Indo Pak War) में भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग के बाद 54 सैनिकों और अधिकारियों को ‘Missing in Action’ (लापता) या फिर ‘Killed in Action’ (मृत) घोषित किया गया।

‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। भारत के इतिहास यह दिन बहुत अहम है। 49 साल पहले 1971 की जंग (1971 Indo Pak War) में भारत ने पाकिस्तान को ना केवल धूल चटाई, बल्कि पड़ोसी मुल्क के दो टुकड़े भी हो गए, जिसके बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया।

उस जंग में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था। लेकिन भारत के 54 फौजियों के बारे में आज तक पता नहीं लग सका। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग के बाद 54 सैनिकों और अधिकारियों को ‘Missing in Action’ (लापता) या फिर ‘Killed in Action’ (मृत) घोषित किया गया।

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ऐसा माना जाता है कि ये सैनिक आज भी जिंदा हैं और पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में कैद हैं। इन 54 लापता में 30 आर्मी के और 24 एयर फोर्स के जवान हैं। वेस्टर्न फ्रंट पर लड़ते हुए इन सैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। 1971 की जंग के बाद हुए शिमला समझौते में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को वापस भेजा गया।

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हालांकि, सरकार ने भारत के 54 लापता सैनिकों को लेकर कोई समझौता नहीं किया। 1979 में संसद में अमर सिंह पठावा के सवाल के जवाब में विदेश मंत्री समरेंद्र कुंडू ने लोकसभा में लिस्ट जारी की, जिसमें 40 लापता सैनिकों के नाम थे। इसमें उन जेलों के बारे में भी बताया गया था, जहां इन सैनिकों को रखा गया। बाद में इस लिस्ट में 14 नाम और भी जुड़ गए।

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