Giridih: पारसनाथ इलाके में नक्सलियों पर कसी जाएगी नकेल, बिछाया जा रहा सड़कों का जाल

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) के धुर नक्सल प्रभावित पारसनाथ इलाके में नक्सलियों (Naxalites) को जड़ से उखाड़ने के लिए विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

नक्सलियों (Naxalites) पर शिकंजा कसने के लिए यहां सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। तलहटी में चार प्रमुख सड़कों का निर्माण होना है।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) के धुर नक्सल प्रभावित पारसनाथ इलाके में नक्सलियों (Naxalites) को जड़ से उखाड़ने के लिए विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। यहां अब नक्सलियों को पकड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।

बता दें कि पारसनाथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का मुख्यालय है। यहां के नक्सली झारखंड, बिहार समेत आधा दर्जन राज्यों में चुनौती बने हुए हैं। पारसनाथ को नक्सलियों के आतंक से मुक्त कराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है।

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दरअसल, पहाड़ की तलहटी में बसे दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां आज भी सड़कें नहीं हैं। इसकी वजह से पुलिस आसानी से इन इलाकों में नहीं पहुंच पाती है। अब नक्सलियों (Naxalites) पर शिकंजा कसने के लिए यहां सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। तलहटी में चार प्रमुख सड़कों का निर्माण होना है। करीब 35 किमी से ज्यादा लंबी सड़कें बनेंगी।

गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार को इस बाबात प्रस्ताव भी भेज दिया है। राज्य सरकार इस पर केंद्र सरकार से शीघ्र मंजूरी लेगी। 80 फीसद राशि केंद्र सरकार एवं 20 फीसद राशि राज्य वहन करेगा। सड़कों के निर्माण से पुलिस नक्सली गतिविधियों पर लगाम लग सकेगी।

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उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के अनुसार, “सुदूर इलाकों तक सड़कों का जाल बिछेगा। चारों सड़कों के निर्माण की मांग लोग लंबे समय से कर रहे थे। इससे लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी। नक्सली गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा।”

जिन 4 सड़कों का निर्माण होना है, उनमें मधुबन-शिखरजी रोड 15.51 किमी, हरलाडीह-खेताडाबर रोड 11.95 किमी, कमलासिंहा-पांडेयडीह रोड 5.15 किमी और नोकनिया-चतरो रोड 3 किमी शामिल हैं।

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हरलाडीह-खेताडाबार सड़क के बनने से गिरिडीह, ताराटांड़, टुंडी जाना आसान हो जाएगा। इन चारों सड़कों का निर्माण होने से सुरक्षाबलों की पहुंच इन इलाकों तक आसानी से हो सकेगी। जिससे नक्सलियों पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा।

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