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बिहार (Bihar) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) गया जिले में विकास का काम लगातार हो रहा है। नक्सल क्षेत्रों के समेकित विकास के लिए केंद्र सरकार ने विशेष केंद्रीय सहायता योजना दी है।

बिहार (Bihar) के औरंगाबाद जिले के नक्सली इलाके (Naxal Areas) में अब सड़कों का जाल बिछेगा। केंद्र सरकार की नक्सल क्षेत्र में (वामपंथ उग्रवाद) एलडब्ल्यूई योजना के तहत सड़कों का निर्माण होगा।

बस्तर (Bastar) से नक्सलवाद (Naxalism) धीरे-धीरे खत्म होने के कागार पर है। आज यहां को सुदूर इलाकों में लगातार विकास हो रहा है। नक्सलवाद के कमजोर होने के साथ ही सरकार और प्रशासन यहां के पर्यटन स्थलों के विकास में भी जुट गया है।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) खूंटी जिले में महिलाओं का खेती की ओर रूझान बढ़ा है। ये महिलाएं बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं पर इनमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है।

बिहार (Bihar) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) गया जिले के डुमरिया के बाघपुर, औरवाटाड़, पनछंदा गांव से करीब ढाई सौ एकड़ भूमि आबाद हो गई है। इस पर हर तरह के फसल उपजाए जा रहे हैं।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) के धुर नक्सल प्रभावित पारसनाथ इलाके में नक्सलियों (Naxalites) को जड़ से उखाड़ने के लिए विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बीते नौ दिनों के अंदर 18 जिलों में 5,220 करोड़ रुपये से ज्यादा के विकास कार्यों की शुरुआत हुई है। अब तक रायपुर जिले में सबसे ज्यादा 561 और राजनांदगांव में 556 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात मिली है।

मूल्यांकन के बाद यदि कॉलेज को अच्छी ग्रेड मिल जाती है तो वहां हर फैक्ल्टी के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड आएंगे। इस कारण विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन में बहुत फायदा पहुंचेगा।

सरकार ने ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों को जोड़ने वाली कुल 9338 किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी दी थी।

झारखंड समेत देश के सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में अब विकास की बयार बह रही है। इसकी गति को तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस लिया है। इसके लिए, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव मांगा है।

झारखंड के नक्सल प्रभावित वैसे राज्य जहां संचार सेवाओं का पहुंचना दुभर था अब वहां फोन कनेक्टिविटी बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। दरअसल नक्सली हमेशा से ही विकास के विरोधी रहे हैं।

नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक और आर्थिक उपायों का सकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।

The government is looking to fill critical gaps in public infrastructure and services of emergent nature in the most LWE affected districts. This Scheme is for 3 years i.e. from 2017-18 to 2019-20 with an outlay of INR 3000 crore.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल गतिविधियां में पिछले कुछ सालों में लगातार उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। बीते सालों में केंद्र सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाई जा रही बहुआयामी रणनीति का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है।

A multi pronged strategy against left wing extremism (LWE) by the central government these last few years has resulted in a consistent decline in incidents of violence in Naxal affected areas.

जिस जगह लोग अपने ही वाहन से गुजरने से कतराते थे वहां आज महिलाएं ई-रिक्शा चलाकर क्षेत्र के विकास की गौरव गाथा लिख रही हैं।

85 स्टूडेंट्स जिन्होंने गढ़चिरौली के इग्नू स्टडी-सेंटर से कोर्स पूरा किया है, वे महाराष्ट्र में किसी न किसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके अलावा 68 स्टूडेंट्स ने बैचलर ऑफ सोशल-वर्क में डिग्री कोर्स किया है ताकि वे अपने गांवों में जाकर वहां सामाजिक विकास का काम कर सकें।

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