Chhattisgarh: बैंकों से लोन लेकर CGRDC बनाएगी सड़क, निर्माण कार्यों में तेजी लाने की कवायद में जुटी सरकार

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। प्रदेश में सड़क व पुल बनाने का काम न रूके इसलिए अब किसी भी बैंक से लोन लेकर राज्यभर में सड़कें बनाई जाएंगी।

CGRDC

फाइल फोटो।

नई व्यवस्था के तहत पहली बार ऐसा हुआ है, जब छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (CGRDC) को लोन लेकर सड़क और पुल बनाने कहा गया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। प्रदेश में सड़क व पुल बनाने का काम न रूके इसलिए अब किसी भी बैंक से लोन लेकर राज्यभर में सड़कें बनाई जाएंगी। अब प्रदेश में सड़क व पुल बनाने अब सरकारी बजट पर निर्भरता नहीं रहेगी। पिछले दो साल से विभाग के अटके निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए इस नई योजना को लाया गया है।

इसके तहत करीब 2 हजार किमी की सड़क के साथ ही 150 से अधिक पुल-पुलिया बनाने की तैयारी की गी है। इस नई व्यवस्था के तहत पहली बार ऐसा हुआ है, जब छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) को लोन लेकर सड़क और पुल बनाने कहा गया है। शासन ने लोन की राशि का भी निर्धारण कर दिया है। 5,225 करोड़ रुपए बैंक से कर्ज लेकर CGRDC निर्माण शुरू करेगा।

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लोन की यह राशि पीडब्ल्यूडी के बजट से अलग है। बता दें कि सीजीआरडीसी वही एजेंसी है, जिसने राजधानी में एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया है। इस एजेंसी को भंग करने की बात जोरशोर से चल रही थी। लेकिन, अब सीजीआरडीसी को लोन लेकर पूरे राज्य में निर्माण कराने की जिम्मेदारी दी गई है।

जानकारी के अनुसार, लोन लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पहले चरण में 1225 और फिर 4000 करोड़ रुपए के लिए निजी व राष्ट्रीयकृत दोनों ही बैंकों से प्रस्ताव मांगा गया है। जानकारी के अनुसार, चार बैंकों ने कर्ज देने में रुचि दिखाई है। अब जल्द ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में इसपर अंतिम मुहर लग जाएगी।

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सड़क व पुल बनाने के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया गया है। जनप्रतिनिधियों की मांग और पीडब्ल्यूडी के सर्वे के बाद उस जिले में निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार होगा। पीडब्ल्यूडी पूरा प्रस्ताव बनाकर CGRDC को देगा और इसके बाद यहां से राशि स्वीकृत की जाएगी। चूंकि सीजीआडीसी के पास प्रदेश में इंजीनियरों की टीम नहीं है, इसलिए बिना स्थानांतरण के पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ही सभी जगह निर्माण का काम देखेंगे।

निर्माण की गुणवत्ता से लेकर बाकी सभी तकनीकी देखरेख का काम सीजीआरडीसी करेगा। निर्माण में लगाए गए विभाग के इंजीनियरों की मॉनिटरिंग भी यहीं से की जाएगी। निर्माण कार्यों के साथ ही इसकी गुणवत्ता और रखरखाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं इंजीनियरों के कंधों पर होगी। यह राशि पीडब्ल्यूडी के सालाना बजट से अलग होगा। सालभर से तीन साल में लोन की राशि खर्च की जा सकती है।

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हालांकि, बैंकों से ली जाने वाली राशि को ब्याज समेत लौटाना भी होगा। कर्ज वापस करने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी, क्योंकि इसके लिए शासन को ही ग्रांटर बनाया गया है। इसके लिए संबंधित निर्माण एजेंसी का कोई लेना देना नहीं है। कब और किस तरह कर्ज लौटाना है, इसके लिए बैंकों के साथ अनुबंध होगा। ऐसा भी नहीं होगा कि सड़क या पुल बनने के बाद आम जनता से कोई टैक्स वसूली होगी।

कोरोना की वजह से नई सड़कें व पुल के बड़े प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सके हैं। राजधानी की भी बात करें, तो यहां कई हिस्सों में फ्लाईओवर व ओवरब्रिज के काम चल रहे हैं। इसे पूरा कराने में पीडब्ल्यूडी लगा हुआ है। नए निर्माण के लिए अभी तक कोई बड़ी प्लानिंग नहीं बन सकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार पिछले दो साल से थमी हुई निर्माण की गति को एक बार फिर से तेज करने की कवायद में जुट गई है।

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CGRDC के एमडी विलास भोसकर संदीपन के अनुसार, “राजधानी समेत राज्यभर में सड़कें व पुल-पुलिया बनाने के लिए बैंकों से सीजीआरडीसी लोन लेगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। दो हिस्सों में लोन की राशि के लिए बैंकों से प्रस्ताव मांगा गया है। जल्द ही इस पर बीओजी की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी।”

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