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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उद्योगों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक विकास को लेकर राज्य सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उद्योगों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक विकास को लेकर राज्य सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार ने 29 दिसंबर को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत राज्य में स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल संयंत्र (Ethanol Plant) के लिए एक एमयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, कवर्धा के भोरमदेव सहकारी चीनी कारखाना और छत्तीसगढ़ डिस्टिलरी लिमिटेड की सहायक कंपनी एनकेजे बायोफ्यूल द्वारा 30 सालों के लिए इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
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इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और चीनी कारखाने की क्षमता का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इथेनॉल संयंत्र की स्थापना महत्वपूर्ण साबित होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी मॉडल द्वारा इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के लिए यह देश में पहला उदाहरण है और राज्य में एक इथेनॉल संयंत्र स्थापित करके देश में जैव ईंधन के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि इथेनॉल संयंत्र की स्थापना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा करेगी और इस क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार बनेगी। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की वर्तमान सरकार ने किसानों से जुड़े मुद्दों और उनके विकास कार्यों को सर्वोपरि रखा है। राज्य सरकार कृषि कर्ज को माफ करने वाली पहली सरकार है और गन्ना किसानों के हित को देखते हुए पीपीपी मॉडल द्वारा इथेनॉल संयंत्र की स्थापना चीनी कारखानों की आर्थिक दिक्कत के स्थायी समाधान के रूप में की गई थी।
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