भारत-बांग्लादेश की दोस्ती का प्रतीक शहीद स्मारक को हटाने पर विवाद, 1971 में शहीद भारतीय जवानों की याद में बना था स्मारक

विपक्षी दलों कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व बांग्लादेश के कुछ बुद्धिजीवियों ने स्मारक को मूल स्थान पर स्थापित करने की मांग की है।

War Memorial

बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 1971 में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के लिए त्रिपुरा में बनवाये गए स्मारक (War Memorial) को हटाने पर बवाल शुरू हो गया है। त्रिपुरा की राजधानी के व्यस्त क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस चौमुहानी में यह इस शहीद स्मारक स्थित था। दशकों से हर साल 26 जनवरी व 15 अगस्त को यहां राज्य सरकार और भारतीय सेना की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती थी।

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बांग्लादेश के बुद्धिजीवियों, लेखकों, बांग्लादेश मुक्ति बाहिनी (स्वतंत्रता सेनानी) और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों ने अपने ज्वाइंट स्पीच में बताया कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के केंद्र में पोस्ट ऑफिस चौमुहानी में स्थित 40 फुट ऊंचा शहीद स्मारक, भारत और बांग्लादेश के लोगों की दोस्ती के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक में से एक था… हम भारतीय अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि इसे दोबारा स्थापित किया जाए।

युद्ध स्मारक (War Memorial) के पास स्थित एक युद्धक टैंक और आर्टिलरी तोप को पहले ही नए राजधानी परिसर में पिछले साल लीचुबागान क्षेत्र में एल्बर्ट एक्का पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था।

वेस्ट त्रिपुरा जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव ने पांच नवंबर को एक बयान में कहा था, “भारतीय सेना की लंबे समय से यह मांग थी कि बड़ा युद्ध स्मारक बनवाया जाए और इस मुद्दे को वर्ष 2018 में सत्ता में आए मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव के सामने भी उठाया गया था। इस परियोजना को स्मार्ट सिटी अभियान के तहत लिया गया था।”

जिलाधिकारी ने कहा था कि अल्बर्ट एक्का युद्द स्मारक लीचुबागान क्षेत्र में निर्माणाधीन है और पोस्ट ऑफिस चौमुहानी पर विजय स्तंभ की एक नकल लीचुबागान पार्क में बनाई गई है। टैंक और आर्टिलरी तोप को पोस्ट ऑफिस चौमुहानी से अल्बर्ट एक्का युद्ध स्मारक में स्थानांतरित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी यादव के अनुसार, “सैनिक बोर्ड से अनुमति लेने के और एक साल तक भारतीय सेना से बात करने के बाद यह किया गया। पोस्ट ऑफिस चौमुहानी का व्यास 28 मीटर था जिससे क्षेत्र में यातायात जाम लगता था।”

जिलाधिकारी यादव के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस चौमुहानी का व्यास कम कर के 18 मीटर किया जाएगा और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पुनर्निर्मित किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी दलों कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व बांग्लादेश के कुछ बुद्धिजीवियों ने स्मारक (War Memorial) को मूल स्थान पर स्थापित करने की मांग की है।

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