चीन-पाकिस्तान ने की भारत में तबाही की तैयारी, वुहान लैब की मदद से पाक सेना बना रही है बायो-लैब

चीन और पाकिस्तान के बीच जो समझौता हुई है‚ उसके मुताबिक बायो वेपन (Biological warfare) बनाने में चीन पाक की मदद करेगा।

Coronavirus

दुनिया को अपने आगोश में ले चुकी कोरोना महामारी (Coronavirus) के जनक चीन अपने गुलाम दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ एक नया दांव खेला है। ड्रैगन अपनी हड़प की भूख के लिए पाक को हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है और इसी सिलसिले में उसने आतंकिस्तान की धरती पर कुछ महीने पहले ही अपनी निगरानी में एक बायो-लैब भी तैयार कर लिया है।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार‚ इस सिलसिले में चीन और पाक के बीच जो गुप्त समझौता हुआ है‚ उसके तहत पाक भी जानलेवा वायरस बनाएगा। अपने देश से बाहर पाकिस्तान में खतरनाक बायो वेपन (Biological warfare) बनाने का ड्रैगन का एकमात्र मकसद यह है कि यदि कोई दुर्घटना हो भी जाए तो वह बेदाग रहे और भारत से बार-बार पस्त होने के बाद दुनिया में अपनी छवि गिरा चुका पाक सब कुछ जानते समझते हुए भी इसके लिए तैयार हो गया है।

खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट दी है कि चीन और पाकिस्तान के बीच जो समझौता हुई है‚ उसके मुताबिक बायो वेपन (Biological warfare) बनाने में चीन पाक की मदद करेगा। इस समझौता का खुलासा ऐसे समय में हुआ है‚ जब कोरोना (Coronavirus) को लेकर चीन पहले से उंगलियां उठ रही हैं। हाल ही में अमेरिका ने सबूत भी पेश किया है कि 2015 में चीन अपने बायो लैब में तीसरे विश्व युद्ध के लिए कोरोना पर रिसर्च कर रहा था।

खुफिया एजेंसियों के हाथ लगी एक रिपोर्ट के मुताबिक‚ यह गुप्त समझौता चीन की लैब ने पाक सेना की डिफेंस साइंसेज एंड टेक्नोलाजी ऑर्गनाइजेशन (DESTO) के साथ की है। इस समझौते के तहत दोनों देश संक्रामक बीमारियों और उनके कंट्रोल पर साथ मिलकर अध्ययन करेंगे। समझौता में चीन की वही लैब शामिल है‚ जहां से वायरस लीक होने के आरोप लगते रहे हैं‚ यानी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी। माना जा रहा है कि अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है।

दरअसल‚ कोरोना के बाद से सारे देश चीन से नाराज हैं, इसलिए वह अपने देश की सरहद से बाहर बायो वेपन (Biological warfare) के परीक्षण का इरादा रखता है। इसी इरादे से उसने पाकिस्तान से समझौता की जिससे कि यदि कोई जैविक दुर्घटना घट भी जाए तो चीन अपना पल्ला झाड़ सके।

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चीन–पाकिस्तान समझौता के तहत खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस पर स्टडी की जाएगी। इसके लिए वुहान लैब पाकिस्तान को ट्रेनिंग देगा और ड्रै़गन आर्थिक मदद भी देगा। उधर‚ चीन अपनी सफाई में कह रहा है कि वह पाकिस्तान को वायरस और बैक्टीरिया का अपना संग्रह तैयार करने में मदद दे रहा है ताकि पाकिस्तान भी अध्ययन कर सके।

चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के खिलाफ घात लगाकर बैठे रहते हैं। दरअसल‚ एक तरफ लद्दाख में पीएलए सेना के पिटने से चीन बौखलाया हुआ है तो दूसरी तरफ सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान। ऐसे में दोनों ने हाथ मिला लिया है। अब डर ये है कि यदि ये बायो वेपन (Biological warfare) तैयार होने के बाद पाक आतंकियों के हाथ लग जाएंगे तो वे भारत में तबाही मचा सकते हैं। आतंकी एंथ्रेक्स‚ प्लेग‚ इबोला‚ सार्स जैसे जैविक हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकते हैं। 

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