मंत्री दारा सिंह चौहान ने शहीद गणेश यादव (Ganesh Yadav) के परिजनों को 50 लाख रुपए का चेक सौंपा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया। मंत्री ने शहीद के नाम पर एक सड़क बनवाने का भी भरोसा दिया।
मऊ: लेह में बुधवार की रात आतंकियों से मुठभेड़ में हवलदार गणेश यादव (Ganesh Yadav) शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे पैतृक गांव चकरा पहुंचा। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शहीद जवान गणेश यादव यूपी के मऊ के हलधरपुर थानाक्षेत्र के चकरा गांव के रहने वाले थे। वह 37 साल के थे। उनके घर में पत्नी, 2 बच्चे, पिता और भाई हैं। मां का 4 साल पहले ही निधन हो चुका है।
उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। सभी एक बार शहीद जवान के पार्थिव शरीर को देखना चाहते थे। चारों चरफ नारे लग रहे थे कि शहीद गणेश यादव अमर रहें, शहीद गणेश यादव अमर रहें।
शहीद को गार्ड आफ ऑनर दिया गया। पिता विश्वनाथ यादव की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। पूरा माहौल शोकमय हो गया था।
इस दौरान मंत्री दारा सिंह चौहान, जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल और पुलिस अधीक्षक सुशील घुले सहित नेताओं और नागरिकों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी और उन्हें नमन किया।
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मंत्री दारा सिंह चौहान ने शहीद गणेश यादव (Ganesh Yadav) के परिजनों को 50 लाख रुपए का चेक सौंपा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया। मंत्री ने शहीद के नाम पर एक सड़क बनवाने का भी भरोसा दिया।
बता दें कि शहीद गणेश यादव 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। वह 285 मीडियम रेजिमेंट के जवान थे। इन दिनों उनकी तैनाती लेह में थी। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से की थी।
शहीद के पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। शहीद गणेश के एक 12 साल की बेटी और एक 9 साल का बेटा है। शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बार-बार बेहोश हो रही हैं।
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