जानें क्या होती है डिसइंगेजमेंट, इसके तहत LAC पर भारत और चीन की सेनाओं को हटना पड़ा पीछे

LAC पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया तेजी से हो रही है। जानकारी के मुताबिक, दो दिनों में चीन की तरफ से एलएसी पर 200 से ज्‍यादा टैंक्‍स हटा लिए गए। बुधवार से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

Disengagement

(फाइल फोटो)

फिंगर 8 पर चीन की बॉर्डर पोस्‍ट्स हैं और उसका मानना है कि एलएसी (LAC), फिंगर 2 से गुजरती है। फिंगर 2 पर पेट्रोलिंग के लिए चीन की सेना हल्‍के वाहनों कार प्रयोग करती है।

LAC पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया तेजी से हो रही है। जानकारी के मुताबिक, दो दिनों में चीन की तरफ से एलएसी पर 200 से ज्‍यादा टैंक्‍स हटा लिए गए। 10 फरवरी से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिसइंगेजमेंट पर आधिकारिक बयान दिया था। तो जानते हैं, क्‍या होती है डिसइंगेजमेंट?

दरअसल, डिसइंगेजमेंट एक प्रक्रिया है जिसके तहत सेनाओं के बीच जारी किसी संघर्ष को रोका जाता है। डिसइंगेजमेंट के तहत किसी जगह से सेनाओं को पीछे हटने, जगह खाली करने और विवादित जगह से चले जाने का आदेश दिया जाता है।

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डिसइंगेजमेंट की पॉलिसी के बारे में पहली बार यूरोपियन वॉर के समय बात की गई थी। 1 सितंबर, 1939 को जर्मनी की सेनाएं पोलैंड में घुसी हुई थीं। इसके दो दिन बाद ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से युद्ध की घोषणा कर दी गई थी। चार महीने के बाद जब पोलैंड की हार हुई तो सेनाओं ने पीछे हटना शुरू किया था।

भारत और चीन के बीच LAC पर जो डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई है, उसके बारे में रक्षा मंत्री ने राज्‍यसभा में जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से फॉरवर्ड इलाकों से पीछे हटेंगे। इसके तहत चीन पैंगोंग झील के उत्‍तरी हिस्‍से में मौजूद फिंगर 8 के पूर्व तक अपनी सेनाओं को पीछे लेकर जाएगा।

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इसी तरह से भारत भी अपनी सेनाओं को फिंगर 3 पर स्थित धन सिंह थापा पोस्‍ट पर वापस लेकर आएगा। यह कार्रवाई दोनों देश दक्षिणी किनारे पर भी करेंगे। इसी तरह से अप्रैल, 2020 के बाद से पैंगोंग झील के उत्‍तरी और दक्षिणी किनारों पर जो भी निर्माण कार्य हुआ है, उसे भी दोनों देशों की तरफ से हटाया जाएगा।

इसके साथ ही दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि फिंगर 3 और फिंगर 8 पर अस्‍थायी तौर पर कोई पेट्रोलिंग नहीं की जाएगी। जब तक दोनों पक्ष सैन्‍य और राजनयिक तरीके से किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाते हैं तब तक पेट्रोलिंग पर रोक है। बता दें कि इंडियन आर्मी का फिंगर 3 के पश्चिम में धन सिंह थापा बेस पर पहले से ही एक पारंपरिक बेस है जबकि चीन की सेनाएं फिंगर 8 पर अपने बेस में रहती हैं।

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गौरतलब है कि फिंगर 8 पर चीन की बॉर्डर पोस्‍ट्स हैं और उसका मानना है कि एलएसी (LAC), फिंगर 2 से गुजरती है। फिंगर 2 पर पेट्रोलिंग के लिए चीन की सेना हल्‍के वाहनों कार प्रयोग करती है और यहीं से वापस हो जाती है।

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गश्‍त के दौरान अगर भारत की पेट्रोलिंग टीम से उनका आमना-सामना होता है तो उन्‍हें वापस जाने को कह दिया जाता है। यहीं पर कनफ्यूजन हो जाता है क्‍योंकि वाहन ऐसी स्थिति में होते हैं कि वो टर्न नहीं ले सकते हैं। भारत की सेना पैदल गश्‍त करती है और हालिया तनाव के दौरान गश्‍त को फिंगर 8 तक बढ़ाया गया था।

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