पैंगोंग से डिसएंगेजमेंट के बाद अपने सैनिकों को रुतोग इलाके में बसा रहा चीन, भविष्य में इस्तेमाल कर सकता है यह बेस

LAC बातचीत के बाद हुए समझौते पर अमल करते हुए डिसएंगेजमेंट के तहत भारत और चीन की सेनाएं पैंगोंग झील से पीछे हट गई हैं। अब खबर सामने आई है कि चीन अपने सैनिकों को पैंगोंग लेक (Pangong Tso) के पूर्वी छोर पर बसा रहा है।

Rutog

ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में यह बात सामने आई है कि चीन ने पैंगोंग लेक से जिन सैनिकों को हटाया है उन्हें आगे जाकर रुतोग (Rutog) इलाके में बसाया जा रहा है।

LAC बातचीत के बाद हुए समझौते पर अमल करते हुए डिसएंगेजमेंट के तहत भारत और चीन की सेनाएं पैंगोंग झील से पीछे हट गई हैं। अब खबर सामने आई है कि चीन अपने सैनिकों को पैंगोंग लेक (Pangong Tso) के पूर्वी छोर पर बसा रहा है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में यह बात सामने आई है कि चीन ने पैंगोंग लेक से जिन सैनिकों को हटाया है उन्हें आगे जाकर रुतोग (Rutog) इलाके में बसाया जा रहा है।

यह इलाका पैंगोंग लेक के बिल्कुल पूर्वी छोर पर है। सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाई पड़ता है कि रुतोग इलाके में काफी तैयारी की गई है। जहां स्टोरेज एरिया, टेंट, केबिन और अन्य सुविधाओं को तैयार किया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर: आतंकी संगठन ULF ने दी पुलिसकर्मियों को धमकी, ‘सभी अपनी नौकरियां छोड़ दो वरना…’

इतना ही नहीं, रुतोग (Rutog) में रडार स्टेशन भी मौजूद है जो सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिखाई पड़ता है। रुतोग में इस तरह से तैयारियां की गई हैं कि सर्दियों में सैनिकों को यहां रुकने में कोई परेशानी ना हो, इसी प्रकार के केबिन तैयार किए गए हैं।

बता दें कि जिस रुतोग इलाके में चीनी सेना को बसाया जा रहा है, वो पैंगोंग झील से करीब 100 किमी और मोल्डो से 110 किमी दूर है। मोल्डो वही इलाका है, जहां विवाद के दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने कई बार बातचीत की है। रुतोग (Rutog) के इस इलाके में 2019 से ही सैन्य गतिविधि बढ़ी है, जिसमें रडार सिस्टम, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हेलिपोर्ट, टैंक ड्रिल्स जैसी गतिविधि शामिल है।

झारखंड: रांची पुलिस के सामने 10 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

जानकारी के अनुसार, इस इलाके में साल 2019 से ही काम चल रहा था, जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी। अब यह बेस भविष्य में किसी तरह की गतिविधि होने पर चीनी सेना के लिए एक बैकअप की तरह काम कर सकता है।

ये भी देखें-

चीनी सेना के द्वारा इन इलाकों में झोपड़ी जैसे घर बनाए गए हैं जिनमें सैनिकों को रोका गया है। साथ ही ये इलाका नगारी से जुड़ता है, यहां से नगारी तक हवाई और सड़क मार्ग तैयार है। ऐसे में पैंगोंग झील के पास होने वाली गतिविधियों में चीन भविष्य में इसका इस्तेमाल कर सकता है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें