पाक पीएम इमरान खान की बचकानी शर्त सुन कर आप नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी, चाहें तो आजमा लीजिए

अमेरिका के जाने-माने अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में लिखे एक लेख में प्रधानमंत्री इमरान खान ने द्वितीय विश्व युद्ध के घटनाक्रम को याद करते हुए लिखा है कि दूसरा विश्व युद्ध म्यूनिख में तुष्टिकरण की नीति की वजह से हुआ, इस बार भी दुनिया पर कुछ ऐसा ही खतरा मंडरा रहा है, लेकिन इस बार ये खतरा परमाणु युद्ध का है।

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‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में 29 अगस्त को लिखे एक लेख में इमरान खान ने चेतावनी दी कि अगर विश्व कश्मीर पर भारत के फैसले को रोकने के लिए कुछ नहीं करता तो दोनों परमाणु संपन्न देश सैन्य युद्ध के करीब पहुंच जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान लगातार परमाणु हमले की गीदड़ भभकी दे रहा है। कश्मीर मामले पर विश्व समुदाय के बीच अलग-थलग पड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी बैचेनी जाहिर करते हुए एक बार फिर भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी है। इमरान ने कहा है कि अगर दुनिया ने कश्मीर पर भारत के कदम को रोकने के लिए कुछ नहीं किया तो पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। कश्मीर पर दुनिया में अलग-थलग पड़ चुके इमरान खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ये जरूरी है कि वो व्यापार और व्यावसायिक फायदों के इतर सोचे।

अमेरिका के जाने-माने अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में लिखे एक लेख में प्रधानमंत्री इमरान खान ने द्वितीय विश्व युद्ध के घटनाक्रम को याद करते हुए लिखा है कि दूसरा विश्व युद्ध म्यूनिख में तुष्टिकरण की नीति की वजह से हुआ। इस बार भी दुनिया पर कुछ ऐसा ही खतरा मंडरा रहा है। लेकिन इस बार ये खतरा परमाणु युद्ध का है। कश्मीर मुद्दे पर मनमाफिक अंतरराष्ट्रीय सफलता न मिलने से इमरान खान बार-बार न्यूक्लियर वॉर की आड़ में दुनिया को ब्लैकमेल करना चाह रहे हैं। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में 29 अगस्त को लिखे एक लेख में इमरान खान ने चेतावनी दी कि अगर विश्व कश्मीर पर भारत के फैसले को रोकने के लिए कुछ नहीं करता तो दोनों परमाणु संपन्न देश सैन्य युद्ध के करीब पहुंच जाएंगे। हालांकि, इससे पहले उन्होंने एक बचकानी शर्त भी रखी है।

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इमरान खान ने आगे कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का फैसला ‘पलटता’ है, प्रतिबंधों को खत्म करता है और अपनी सेना को वापस बुलाता है तभी उसके साथ बातचीत हो सकती है। इमरान ने कहा, ‘कश्मीर पर संवाद में सभी पक्षकार खासतौर से कश्मीरी शामिल होने चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन वार्ता तभी शुरू हो सकती है जब भारत कश्मीर के अवैध कब्जे को वापस ले, कर्फ्यू हटाए और अपनी सेना वापस बुलाए।’ बता दें कि पाकिस्तान ने 30 अगस्त को कश्मीरी जनता के साथ ‘एकजुटता’ दिखाने के लिए ‘कश्मीर ऑवर’ मनाया।

मुख्य आयोजन इस्लामाबाद के कांस्टीट्यूशन एवेन्यू में आयोजित किया गया जहां इमरान खान ने झंडा लहरा रही और नारेबाजी कर रही भीड़ को संबोधित किया था। इमरान खान ने कहा, आज पूरा पाकिस्तान, जहां भी पाकिस्तानी हैं, चाहे वे हमारे छात्र हों, दुकानदार हों या मजदूर हों, आज हम सभी हमारे कश्मीरियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कश्मीरी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पिछले करीब चार सप्ताह से करीब 80 लाख कश्मीरियों को कर्फ्यू में बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कश्मीर ऑवर’ मनाने का उद्देश्य पाकिस्तान से यह संदेश भेजना है कि देश कश्मीरियों के साथ खड़ा रहेगा। ये अलग बात है कि उनके देश के लोगों और मीडिया ने ही उनके इस कदम का जम कर माखौल उड़ाया।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। हालांकि पाकिस्तान कश्मीर पर दुनिया को अपनी दलीलों से संतुष्ट करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा है। दुनिया के तमाम मुल्कों ने उससे साफ कर दिया कि कश्मीर का मामला भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है और इसे द्विपक्षीय आधार पर निपटाना चाहिए।

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