अनुच्छेद-370 (Article 370) हटने के बाद पहली बार वन भूमि का अधिकार लोगों को मिला। जंगल किनारे रहने वाले लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिला।
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्टिकल-370 (Article 370) को खत्म करने को आज 2 साल पूरे हो गए हैं। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था। इसके बाद से राज्य में काफी बदलाव आए हैं। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद केंद्र सरकार ने वहां सत्ता के विकेंद्रीकरण के प्रयास किए।
इसके तहत वहां पहले पंचायत और फिर बीडीसी चुनाव कराए गए। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बदलाव करते हुए दूसरे राज्यों के ऐसे पुरुषों को वहां का स्थायी निवासी बनाने की व्यवस्था की गई है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की लड़की से शादी की हो। अभी तक ऐसे मामलों में महिला के पति और बच्चों को जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं माना जाता था।
Coronavirus: बीते 24 घंटे में आए 42,982 नए मामले, दिल्ली में एक्टिव केस घटकर हुए 513
केंद्र सरकार ने घाटी से बाहर के लोगों को कश्मीर में गैर-कृषि योग्य जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है। पहले सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोग ही ऐसा कर सकते थे। साल 2019 में अनुच्छेद-370 (Article 370) हटने के 20 दिन बाद श्रीनगर सचिवालय से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटाकर तिरंगा फहराया गया। सभी सरकारी कार्यालयों और संवैधानिक संस्थानों पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाने लगा।
अनुच्छेद-370 (Article 370) हटने के बाद पहली बार वन भूमि का अधिकार लोगों को मिला। जंगल किनारे रहने वाले लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिला। इससे सभी 20 जिलों में लोगों को लाभ मिला।
जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की आम लोगों तक पहुंच बनाने और स्थानीय लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने अंग्रेजी व उर्दू के साथ ही डोगरी, कश्मीरी व हिंदी को कामकाज की भाषा के रूप में मान्यता दी। अब प्रशासन इन पांचों भाषाओं को सरकारी भाषा के रूप में इस्तेमाल कर सकता है।
ये भी देखें-
इसके अलावा, अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने जा रहा है, जिससे घाटी में आने वाली सात सीटें जम्मू में चले जाने की संभावना है। इससे क्षेत्र की राजनीति पर व्यापक असर पड़ेगा।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App