पीएम मोदी की कश्‍मीर नेताओं के साथ बैठक से पाकिस्‍तान परेशान, घाटी में शुरू किया आतंकवाद का नया सिलसिला

पाकिस्तान (Pakistan) फिलहाल भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के परिसीमन को लेकर बेहद परेशान है।

Jammu Kashmir

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन और चुनाव कार्यक्रम को लेकर भारत ने जो नयी पहल की है, उसे लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की बेचैनी बढ़ गयी है। राज्य में हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों में बढोत्तरी और जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर रविवार सुबह दो बम विस्फोट की घटना इसी बेचैनी का संकेत दे रही है।

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ऐसी आशंका है कि ड्रोन के जरिये इस हमले को अंजाम दिया गया है। भारत, पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान में जिस तरह हालात करवट ले रहे हैं, उससे यही संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवाद का नया सिलसिला शुरू करने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का समय नजदीक आने के साथ ही वहां पर तालिबान और सरकार के बीच सत्ता का संघर्ष तेज हो गया है। वहां पर तालिबान को पाकिस्तान की तरफ से ही ताकत मिल रही है। बदले वैश्विक समीकरण में पाकिस्तान को कई देशों का सहयोग मिल रहा है। पाकिस्तान (Pakistan) की हरकतों से साफ दिख रहा है कि इस सहयोग से मिली ताकत का एक बड़ा हिस्सा वह कश्मीर में झोंकने की तैयारी में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर बीते 25 जून को जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रयास से पहुंचे राज्य के राजनेताओं के बदले सुर ने पाकिस्तान (Pakistan) की चिंता को और अधिक बढ़ा दिया है।

गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री के यहां बैठक में जाने से पहले और बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और मुलाम नबी आजाद ने जो बयान दिये, उनसे पाकिस्तान को यह संदेश गया है कि अब धारा 370 की बहाली को लेकर इनके – तेवर पूरी तरह ढीले पड़ चुके हैं। अब ये नेता परिसीमन के बाद चुनाव कराने की केंद्र सरकार की योजना को भी स्वीकार कर चुके हैं।

पाकिस्तान (Pakistan) फिलहाल भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के परिसीमन को लेकर बेहद परेशान है। पाकिस्तान को लग रहा है कि परिसीमन में कश्मीर घाटी के एक हिस्से को जम्मू राज्य और दूसरे हिस्से को लद्दाख राज्य में विभाजित करके अलगाववादी समूहों की ताकत को समाप्त करने का प्रयास किया जा सकता है। अगर ऐसा हो गया तो कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से चलायी जा रही आतंकवाद की दुकान बंद हो जायेगी।

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