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यहां पोस्टिंग के दौरान सेना (Indian Army) के जवान बाकी दुनिया से हफ्तों तक कटे रह जाते हैं। वे अपने परिवार से कई दिनों तक बात भी नहीं कर पाते।
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान हर मुश्किल का सामना कर भारत मां की रक्षा करते हैं। सेना के जवान अपनी जिंदगी दांव पर लगातार सीमा पर तैनात रहते हैं। श्रीनगर से करीब 135 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर (Kashmir) के गुरेज में राजपूत रेजिमेंट घुसपैठ को रोकने के लिए तैनात है।
कारगिल की तरह गुरेज में हिमस्खलन का खतरा बना रहता है, यह हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं। इस इलाके के दूसरी ओर पहाड़ों पर पाकिस्तानी सेना तैनात है। साल 2017 में सेना की चौकी हिमस्खलन की चपेट में आने से गुरेज में 15 सैनिक शहीद हो गए थे। इन खतरों के बावजूद सैनिक मुश्किल मौसम में भी वहां तैनात हैं।
गुरेज के पास आज भी बिजली की रेगुलर सप्लाई नहीं है। जेनरेटर बिजली हर दिन केवल कुछ घंटों के लिए ही मिलती है, जिससे सेना के लिए निगरानी रखना मुश्किल हो जाता है। यहां पोस्टिंग के दौरान सेना (Indian Army) के जवान बाकी दुनिया से हफ्तों तक कटे रह जाते हैं। वे अपने परिवार से कई दिनों तक बात भी नहीं कर पाते।
कई बार यह इलाका बाकी दुनिया से 6-8 महीने तक के लिए कट जाता है। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इन्हें हेलिकॉप्टर सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं।
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जवान यहां पर गाय और याक भी पालते हैं, जिससे इन्हें दूध मिलता है। वे कड़ाके की सर्दियों में 6-8 महीने के लिए भोजन इकट्ठा कर रख लेते हैं। यहां मौसम के हालात ऐसे हैं कि जीना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मुश्किल हालातों में हमारे जवान देश की रक्षा में डटे हुए हैं।
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