
फाइल फोटो।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास जारी तनाव के बीच भारत ने अपने जवानों को ‘इग्ला मिसाइल’ (Igla Missile) के साथ तैनात किया है। चीनी हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों के जवाब में भारतीय सेना ने वहां महत्वपूर्ण ऊंचाई वाली जगह पर कंधे पर रखकर हवा में मार करने वाली एयर डिफेंस मिसाइलों से लैस जवानों को तैनात किया है।
सूत्रों के मुताबिक, रूसी मूल के इग्ला एयर डिफेंस सिस्टम (Igla Missile) से लैस भारतीय सैनिकों को सीमा पर महत्वपूर्ण ऊंचाई पर तैनात किया गया है। वे दुश्मन देश के हवाई जहाजों के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने पर उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे। रूसी मूल के एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल भारतीय थल सेना और वायु सेना दोनों द्वारा किया जाता है।
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इग्ला मिसाइल (Igla Missile) का उपयोग तब होता है, जब दुश्मन के लड़ाकू जेट या हेलीकॉप्टर हमारी सीमा या फिर जहां जवान तैनात हैं, उसके करीब आते हैं। इग्ला मिसाइल के जरिए कोई भी जवान कंधे से ही वार कर सकता है, जोकि हेलिकॉप्टर और फाइटर हेलिकॉप्टर को ढेर कर सकती हैं। इनका इस्तेमाल वायुसेना और थल सेना दोनों ही करती हैं।
भारत की ओर से दुश्मन की हवाई आवाजाही पर नजर रखने के लिए रडार और सतह से लेकर हवाई मिसाइल सिस्टम तक की तैनाती की गई है। साथ ही चीन की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय जवानों ने कई बार देखा है कि चीन के चॉपरों ने भारतीय क्षेत्र में आने की कोशिश की है।
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भारतीय वायु सेना (IAF) ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी हेलीकॉप्टरों द्वारा संभावित हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को विफल करने के लिए मई में अपने Su-30MKI को तैनात किया था। बता दें कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने हाल के दिनों में कई ठिकानों को अपग्रेड किया है। इसलिए भारत झिंजियांग और तिब्बत क्षेत्र में PLAAF के होटन, गर गुनसा, काश्गर, होपिंग, डोंकाका डोंगॉन्ग, लिंझी और पंगत हवाई अड्डों पर कड़ी नजर रख रहा है।
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