सांकेतिक तस्वीर
भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, रूस (Russia) ने हमें अभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा है, इसके अलावा चीन-पाकिस्तान को भी निमंत्रण दिया गया है। ये अभ्यास 15 से 26 सितंबर के बीच एस्त्राखान (Astrakhan) क्षेत्र में होगा। भारतीय और चीनी सेना इससे पहले जून में मॉस्को में 75वें विक्ट्री डे परेड में एक साथ हिस्सा ले चुकी है।
भारत के करीब 200 जवान सितंबर में दक्षिण रूस (Russia) जाएंगे। इस दौरान चीन और पाकिस्तान (Pakistan) समेत कई देशों के सैनिक भी यहां आएंगे और ज्वाइंट प्रैक्टिस करेंगे। दरअसल ये सभी सैनिक Kavkaz-2020 में हिस्सा लेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है। बता दें कि इस समय भारत और चीन के बीच लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनाव चल रहा है, ऐसे में दोनों देशों के सैनिकों का एक साथ ज्वाइंट प्रैक्टिस करना देखने लायक होगा।
इस सैन्य अभ्यास में करीब 18 देशों की सेना हिस्सा लेगी। इन देशों में चीन, पाकिस्तान, सीरिया, रूस, तुर्की समेत कई मध्य एशियाई देश होंगे।
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एक अधिकारी के मुताबिक रूस ने अपने दुश्मनों के खिलाफ कदम उठाते हुए इस सैन्य अभ्यास को मंजूरी दी है। भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, रूस ने हमें अभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा है, इसके अलावा चीन-पाकिस्तान को भी निमंत्रण दिया गया है।
ये अभ्यास 15 से 26 सितंबर के बीच एस्त्राखान (Astrakhan) क्षेत्र में होगा। भारतीय और चीनी सेना इससे पहले जून में मॉस्को में 75वें विक्ट्री डे परेड में एक साथ हिस्सा ले चुकी है।
बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिक मारे गए थे। चीन ने अपने हताहत सैनिकों के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है।
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