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भारत और चीन की सेनाओं ने करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बातचीत की। जिसका नेतृत्व लेह स्थित भारतीय सेना (Indian Army) की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। ये हाई लेवल सैन्य बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्दो इलाके में रविवार सुबह 10 बजे से शुरू होकर आज सुबह 2.30 बजे समाप्त हुई।
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सैन्य सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस बैठक का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना है। हालांकि इससे पहले हुई 6 नवंबर की बातचीत में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर विस्तृत चर्चा की थी।
नौवें दौर की बातचीत में भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों ने फिर से चीनी अधिकारियों के सामने अपनी पुरानी मांग को ही रखा, जिसके तहत पर्वतीय इलाके में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है।
The 9th round of India China Corps Commander level talks finished around 2:30 am today. The meeting lasted for more than 15 hours after starting at 11 am yesterday at Moldo opposite Chushul in Eastern Ladakh sector.
— ANI (@ANI) January 25, 2021
कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की बातचीत 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।
पूर्वी लद्दाख में कई पवर्तीय इलाके में भारतीय सेना (Indian Army) के करीब 50,000 सैनिक युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। वहीं चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। हालांकि, इस दौरान मौजूदा गतिरोध के निवारण के लिए दोनों देशों के बीच हुई तमाम बातचीत बेनतीजा ही रही है।
दूसरी तरफ पिछले साल दिसंबर में भारत और चीन ने एलएसी मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक बातचीत की थी, लेकिन इस बातचीत में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था।
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