गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को पूरा हुआ एक साल, 20 जवान हुए थे शहीद

साल 2020 में 45 सालों बाद भारत-चीन की सीमा पर जवान शहीद हुए थे। ये देश के इतिहास की एक बड़ी घटना थी। इन वीरों के नाम M-120 पोस्ट पर बनाए गए स्मारक में लिखे हैं।

China PLA Troops

फाइल फोटो

Galwan Valley: साल 2020 में 45 सालों बाद भारत-चीन की सीमा पर जवान शहीद हुए थे। ये देश के इतिहास की एक बड़ी घटना थी। इन वीरों के नाम M-120 पोस्ट पर बनाए गए स्मारक में लिखे हैं।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए 20 जवानों के बलिदान को एक साल बीत गया है। 15-16 जून 2020 की रात में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में एक अधिकारी समेत हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे।

साल 2020 में 45 सालों बाद भारत-चीन की सीमा पर जवान शहीद हुए थे। ये देश के इतिहास की एक बड़ी घटना थी। इन वीरों के नाम M-120 पोस्ट पर बनाए गए स्मारक में लिखे हैं।

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इस घटना में जो जवान शहीद हुए थे, उनमें बिहार रेजीमेंट के 16, पंजाब के 3, मीडियम रेजिमेंट के 3 और फील्ड रेजीमेंट के 81 जवान शामिल थे। शहीदों में बिहार रेजीमेंट के कर्नल संतोष बाबू भी थे। वह चीनी सीमा पर डेढ़ साल से तैनात थे।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच गतिरोध अभी भी जारी है। कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। दोनों ही देशों ने सीमा पर अपने सैनिकों और हथियारों की संख्या को बढ़ा दिया है। चीन सीमा के पास इस समय युद्धाभ्यास कर रहा है।

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