चीन को फिर लगी मिर्ची, अटल टनल के उद्घाटन से बौखलाकर दी ये गीदड़भभकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल टनल (Atal Tunnel) का उद्घाटन किया। इस टनल के उद्घाटन के साथ ही चीन (China) को एक बार फिर मिर्ची लगी है।

Global Times

हमेशा की तरह इस बार भी चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अटल टनल को लेकर प्रोपेगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है और अप्रत्यक्ष रूप से गीदड़भभकी देने की कोशिश की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल टनल (Atal Tunnel) का उद्घाटन किया। इस टनल के उद्घाटन के साथ ही चीन (China) को एक बार फिर मिर्ची लगी है। सीमा से सटे हुए इलाकों में भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होते देखकर चीन की मीडिया भी बेचैन हो उठा है।

हमेशा की तरह इस बार भी चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अटल टनल को लेकर प्रोपेगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है और अप्रत्यक्ष रूप से गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। ग्लोबल टाइम्स ने एक आर्टिकल छापा है। इसमें अखबार ने लिखा है कि भारत को अटल टनल बनाने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है।

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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चूंकि इलाका पहाड़ी क्षेत्र हैं और घनी आबादी वाला है, इसलिए इसका निर्माण सिर्फ सैन्य मकसद से किया गया है। चीनी अखबार ने लिखा, अटल टनल खुलने से भारतीय सेना को सीमा पर कम समय में तैनात किया जा सकता है और इसके साथ ही सैन्य आपूर्ति भी इस सुरंग के जरिए ले जायी जा सकती है।

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा कि ये सच है कि इस सुरंग के बनने से भारत के बाकी हिस्सों से लेह पहुंचने में अब कम वक्त लगेगा। सेना की तैनाती और रणनीतिक चैनल के रूप में इसकी काफी अहमियत है।

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ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने आगे लिखा है कि शांतिपूर्ण वक्त में तो इस सुरंग से भारतीय सेना और आपूर्ति में बहुत मदद मिलेगी लेकिन जंग के वक्त, खासकर सैन्य संघर्ष में इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। PLA के पास इस सुरंग को बेकार करने के कई तरीके हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि कोई भी सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, अभी शांति का वक्त है और भारत को ये एहसास नहीं हो पा रहा है कि जंग छिड़ने पर अटल टनल काम नहीं आएगी।

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अखबार ने आगे लिखा कि इस सुरंग के बनने से पूरा देश खुश है। लेकिन जहां तक भारतीय राजनेताओं की बात है, वे इसका इस्तेमाल सिर्फ दिखावे और अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। ये साफ तौर पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा है। सुरंग जंग में काम आएगी या नहीं, भारतीय राजनेताओं के लिए ये विचार का विषय नहीं है बल्कि वे अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए इसे हथियार बना रहे हैं।

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वैसे अपनी गीदड़भभकी के साथ ही ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने लीपापोती करने के लिए लिखा है कि भारत और चीन के लिए यही बेहतर है कि दोनों एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहें। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरंग का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ये सुरंग देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी। पीएम मोदी ने चीन को इशारों-इशारों में संदेश दिया और कहा कि बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कई पर तेजी से काम चल रहा है। इसके बाद से ही चीन की बौखलाहट बढ़ गई है।

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