Farmers Protest: किसानों ने बनाया आंदोलन और तेज करने का मन, 8 दिसंबर को करेंगे भारत बंद

Farmers Protest: नए कृषि कानून (Farm Law 2020) के खिलाफ नौ दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद करने की बात कही है। किसानों ने केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए आंदोलन तेज करने का मन बनाया है।

Farmers Protest

दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शन (Farmers Protest) की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने 8 तारीख के भारत बंद का आह्वान करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में किसानों की भागीदारी की मांग की।

Farmers Protest: नए कृषि कानून (Farm Law 2020) के खिलाफ नौ दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद करने की बात कही है। 4 दिसंबर को किसानों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। किसानों ने केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए आंदोलन तेज करने का मन बनाया है। किसानों ने कहा कि उस दिन वे टोल प्लाजा को भी घेर लेंगे। सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसान नेताओं ने यह चेतावनी दी है।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार 5 दिसंबर की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन (Farmers Protest) को तेज करेंगे। एक अन्य किसान नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा, आज की हमारी बैठक में हमने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया है, जिस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर लेंगे।

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उन्होंने कहा, यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है। वहीं, शनिवार को मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंकने का भी ऐलान किया गया है।

वहीं, दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शन (Farmers Protest) की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने 8 तारीख के भारत बंद का आह्वान करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में किसानों की भागीदारी की मांग की।

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उन्होंने कहा, “8 तारीख को पूरा भारत बंद रहेगा। इस बार 26 जनवरी की परेड में किसानों के पूरे सिस्टम को शामिल किया जाए। ट्रैक्टर हमेशा उबड़-खाबड़ ज़मीन पर ही चला है उसे भी राजपथ की मखमली सड़क पर चलने का मौका मिलना चाहिए।”

उधर, सिंघु बॉर्डर पर डटे अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने साफ कहा कि भारत सरकार का कोई भी संशोधन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को सिर्फ पंजाब का आंदोलन कहे जाने पर रोष प्रकट किया।

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मोल्लाह ने कहा, “इसे सिर्फ पंजाब आंदोलन बोलना सरकार की साजिश है, मगर आज किसानों ने दिखाया कि ये आंदोलन पूरे भारत में हो रहा है और आगे भी होगा। हमने फैसला लिया है कि अगर सरकार कल कोई संशोधन रखेगी तो हम संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे।” इसी प्रदर्शन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने 5 दिसंबर को पुतला दहन कार्यक्रम का ऐलान किया।

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यूनियन के महासचिव ने कहा, “5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले पूरे देश में फूंके जाएंगे। 7 तारीख को सभी वीर अपने मेडलों को वापिस करेंगे। 8 तारीख को हमने भारत बंद का आह्वान किया है व एक दिन के लिए सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे।”

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