कृषि कानून बिल: एक साल बाद आंदोलनकारी किसानों की हुई जीत, दिल्ली की सीमाओं से घर-वापसी शुरू

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के अनुसार‚ यह अंत नहीं है‚ क्योंकि किसान आंदोलन (Farmers Protest) अभी स्थगित हुआ है। हमने 15 जनवरी को फिर से मिलने का फैसला किया है।

Farmers Protest

देश के अलग-अलग  हिस्सों में 378 दिनों ने चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) आखिरकार सरकार द्वारा विवादस्पद कृषि कानून वापस लेने के बाद टल गया है। 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को समाप्त करने का फैसला किया और घोषणा की कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से अपने-अपने घर लौट जाएंगे।

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आंदोलनकारी किसान नेताओं के अनुसार, सभी किसान 15 जनवरी को यह देखने के लिए फिर बैठक करेंगे कि क्या सरकार ने उनकी मांगों को पूरा किया है। देशभर में किसान आंदोलन (Farmers Protest) की अगुआई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को केंद्र सरकार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मिलने के बाद यह घोषणा हुई है। पत्र में किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने और एमएसपी को लेकर एक समिति बनाने सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की गई।

गौरतलब है कि इससे पहले एसकेएम ने बुधवार को कहा था कि वह अपनी लंबित मांगों पर केंद्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव को लेकर आम सहमति पर पहुंच गया है। इसके फौरन बाद दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से किसानों ने टेंट हटाना शुरू कर दिया है। एक किसान ने कहा कि हम अपने घरों के लिए निकलने की तैयारी कर रहे हैं।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के अनुसार‚ यह अंत नहीं है‚ क्योंकि किसान आंदोलन (Farmers Protest) अभी स्थगित हुआ है। हमने 15 जनवरी को फिर से मिलने का फैसला किया है। वहीं एसकेएम के किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी ने बताया कि सरकार ने सभी मांगों को पूरा किया है या नहीं‚ यह देखने के लिए 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी। 

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