दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेगा Air Force का ‘नेत्र’

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) भारतीय एयरफोर्स के लिए एक अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट तैयार कर रहा है। करीब चार साल में भारतीय वायुसेना को तूफान से भी अधिक तेज गति से सूचना देने वाला एयरक्राफ्ट एयरबोर्न रडार मिल जाएगा।

Indian Air Force

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) भारतीय एयरफोर्स के लिए एक अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट तैयार कर रहा है।

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) भारतीय एयरफोर्स (Indian Air Force) के लिए एक अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट तैयार कर रहा है। करीब चार साल में भारतीय वायुसेना को तूफान से भी अधिक तेज गति से सूचना देने वाला एयरक्राफ्ट एयरबोर्न रडार मिल जाएगा। बेंगलुरु में डीआरडीओ (DRDO) के लैब में तैयार होने वाला यह नया एयरबोर्न रडार बहुत ही सटीक जानकारी देगा।

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दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेगा Air Force का ‘नेत्र’।

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) भारतीय एयरफोर्स के लिए एक अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट तैयार कर रहा है। करीब चार साल में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को तूफान से भी अधिक तेज गति से सूचना देने वाला एयरक्राफ्ट एयरबोर्न रडार मिल जाएगा। बेंगलुरु में डीआरडीओ (DRDO) के लैब में तैयार होने वाला यह नया एयरबोर्न रडार बहुत ही सटीक जानकारी देगा। अगर कोई विमान आसमान में आ रहा है तो उसकी सही रफ्तार भी बताएगा। साथ ही, उस विमान की दूरी, दिशा और उसका पूरा रूट भी भारतीय वायुसेना को बताएगा। सही जानकारी मिलने पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान दुश्मनों के विमानों को उसी की सीमा में मार सकेंगे।

बता दें कि अभी भारतीय एयरफोर्स के पास दो एयरबोर्न रडार हैं। इससे पहले भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को दो नेत्र दिए गए थे। एक साल 2017 में और दूसरा साल 2019 में सौंपा गया था। बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान इनमें से एक एयरबोर्न रडार एयरक्राफ्ट नेत्र ने ही पाकिस्तान के आसमान में उड़ते हुए 300 किलोमीटर तक रेकी की थी। यह पाकिस्तान के आसमान में होने वाली हलचल की हर पल सूचना दे रहा था। इसे डीआरडीओ (DRDO) बेंगलुरु ने तैयार कराया था।

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पाकिस्तान में रेकी करने के दौरान यह करीब पांच सेकंड में सूचनाएं अपडेट कर रहा था। यानी हर पांच सेकंड में डेटा भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को मिल रहा था कि पाकिस्तान के आसमान में क्या हो रहा है।वह पाकिस्तान के आसमान में उड़ने वाले घरेलू, लड़ाकू विमानों की रिपोर्ट दे रहा था, जिससे भारत को कामयाबी मिली थी। डिफेंस एक्सपो में डीआरडीओ (DRDO) ने इसका प्रदर्शन किया है। सेन्टर फॉर एयरबोर्न सिस्टम बेंगलुरु के वरिष्ठ वैज्ञानिक अमित कुमार कहते हैं कि जल्दी ही एक और नेत्र भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाएगा। डॉ. अमित बताते हैं कि डीआरडीओ (DRDO) बेंगलुरु अब इससे भी ताकतवर एयरबोर्न एयरक्राप्ट रडार तैयार करा रहा है।

पहले बनाया गया नेत्र केवल दोनों तरफ ही 300 किलोमीटर तक नजर रखता था। लेकिन नया एयरबोर्न 360 डिग्री पर काम करेगा। यानी हर तरफ से वह आसमान में होने वाली हलचल की रिपोर्ट देगा। यह तीन सेकंड में सूचनाएं अपडेट करेगा। यानी तूफान से भी ज्यादा गति से सूचनाएं अपडेट होंगी, जिससे दुश्मनों के आसमान में होने वाली हर हलचल के बारे में तेजी से जानकारी होगी। इसका भी माडल डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शित किया गया है। इसमें करीब आठ आपरेटर बैठ सकेंगे जबकि नेत्र में करीब चार ही रहते थे।

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