
आतंकियों का नया हथियार बना वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क
VPN की मदद से ही बन टोल प्लाजा तक पहुंचने में सफल हुए थे आतंकी
पिछले एक अरसे से आतंकियों ने VPN का खूब इस्तेमाल किया
पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से साध रहे हैं संपर्क
आतंकी घुसपैठ को लेकर सरहद से सटे खड्ड़ व नाले तो सुरक्षा में आडे आ रहे हैं‚ वहीं वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) भी आतंकियों का मद्दगार साबित हो रहा है।
भारतीय खूफिया सूत्रों का कहना है कि गत एक अरसे में विषेशकर नगरोटा के बन टोलप्लाजा तक पहुंचे विदेशी आतंकवादियों ने VPN का खूब इस्तेमाल किया। विषेशकर भारत–पाक सीमा के कठुआ से लेकर अखनूर तक आतंकियों की घुसपैठ की अतीत में कई कोशिशे हुईं। बसंतर नदी हो अथवा हीरानगर का तरनाह नाला इस प्रकार के कई खड्ड़ रास्ते हैं‚ जोकि पाकिस्तान से जा मिलते हैं और इन्हीं के जरिये घुसपैठ को अंजाम देने की कोशिश की जाती है।
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हालांकि भारत–पाक सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास है‚ वहीं उसके बाद की जिला कठुआ पुलिस के क्षेत्राधिकार की जिम्मेदारी कठुआ पुलिस के पास है। यह सवाल उठने लाजिमी हैं कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। अब वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि बीती 5 अगस्त के बाद से 4जी स्पीड़ पर मोबाइल नेटवर्क बंद है और अभी कुछ दिन पहले ही जम्मू तथा घाटी में 2जी स्पीड़ पर यह सेवा बहाल की गई‚ लेकिन 2जी स्पीड़ पर व्हाट्सएप मैसेज आदि भेजना एकदम नामुमकिन है। परंतु वीपीएन के जरिए यह सब संभव हो पा रहा है। इसका इस्तेमाल यहां धड्ल्ले से हो रहा है। इसलिए यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि घुसपैठ करके आए आतंकी वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने इन आतंकियों से जुड़े़ लोगों को भी धर दबोचा है। उन्होंने पूछताछ में बताया कि वे लोग पंजाब से इंटरनेट के जरिए सरहद पार बैठे हैंडलरों के संपर्क में थे।
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