खबरदार: कोरोना का दूसरा स्ट्रेन बेहद खतरनाक, मानव शरीर के इस अंग पर कर रहा है सबसे पहले प्रहार

डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक, जितना जल्दी संभव हो 45 साल के उपर से सभी लोग कोरोना (Coronavirus) की वैक्सीन लगावा लें और घर से बिल्कुल न निकलें। ऐसा करके वे अपने और अपने परिवार की जान बचा सकते हैं।

Coronavirus

पूरी दुनिया में मौत का तांडव मचा रहा कोरोना (Coronavirus) इस बार सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके चलते फेफड़े में आक्सीजन नहीं जा पाती है और ऐसे में रोगी को आक्सीजन या वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है।

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विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना (Coronavirus) का दूसरा स्ट्रेन बहुत खतरनाक है। हालांकि अभी कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा नहीं है‚ लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। ऐसे में इसकी चेन को तोड़ना आवश्यक हो गया है। यह तभी संभव है‚ जब दो गज की दूरी‚ मास्क पहनें‚ सेनेटाइजेशन का सख्ती से अनुपालन करे।

दिल्ली के लोकनायक अस्पताल 500 बिस्तरों में लगभग 90 फीसदी फूल है तो वहीं जीटीबी अस्पताल‚ राजीव गांधी सुपरस्पेशिएलिटी‚ हेडगेवार‚ जगप्रवेश चंद्र अस्पताल के सभी कोविड वॉर्ड फूल बताए गए। इन अस्पतालों में इलाज की उम्मीद की आस में आने वाले कोविड मरीजों को कोविड इमरजेंसी में सिर्फ आक्सीजन आपूर्ति टेस्ट करने के बाद दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है।

वीआईपी अस्पतालों में शुमार डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में काम करने वाले रेजिडेंट डॉ. मनीष जांगडा जब कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) हुए तो उनकी हालत बिगड़ने लगी। उनके साथी आरडीए ने कहा कि कोविड वॉर्ड के चीफ ने कहा कि यहां बिस्तर नहीं खाली है‚ काफी इंतजार करने के बाद भी उन्हें बेड नहीं मिला तो उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के जरिए गुहार लगाई। स्वास्थ्य मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद उनके लिए यहां टेम्परेरी बेड लगाया गया है। डॉ. मनीष की तरह ही राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में तो नो बेड के बोर्ड लगा दिए गए हैं। अस्पतालों में कोविड की जांच कराने वालों की लंबी लाइन रही।

लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक, जितना जल्दी संभव हो 45 साल के उपर से सभी लोग कोरोना (Coronavirus) की वैक्सीन लगावा लें और घर से बिल्कुल न निकलें। ऐसा करके वे अपने और अपने परिवार की जान बचा सकते हैं। लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। जांच की कमी के कारण संक्रमित लोग भी खुलेआम घूम रहे हैं। इसके अलावा जांच के लिए सैंपल देने वाले भी रिपोर्ट आने तक अपना काम निपटा रहे हैं। इससे वे कई अन्य लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं। संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ा गया तो यह बहुत खतरनाक स्थित तक पहुंच सकता है। लक्षण शुरू होते ही तुरंत कोरोना की जांच करानी चाहिए और रिपोर्ट आने तक खुद को आइसोलेशन में रहना होगा।

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