चीन ने बढ़ाई भारत की मुश्किलें, सीमा से लगे इलाकों में किया वाईफाई सेवा का विस्तार

चीन (China) आए दिन भारत (India) के लिए नई-नई मुश्किलें खड़ी करता रहता है। सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की परेशानी बढ़ाने के लिए ड्रैगन ने एक और चाल चली है। चीन ने भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों में वाईफाई सेवा का विस्तार कर दिया है।

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सांकेतिक तस्वीर

चीन (China) आए दिन भारत (India) के लिए नई-नई मुश्किलें खड़ी करता रहता है। सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की परेशानी बढ़ाने के लिए ड्रैगन ने एक और चाल चली है। चीन ने भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों में वाईफाई सेवा का विस्तार कर दिया है। चीन के सैनिक वीडियो कॉल के माध्यम से आसानी से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं।

इसके साथ ही भारत-चीन सीमा पर जवानों के लिए चीन ने आधुनिक सुविधाएं दी हैं। वे आधुनिक हट्स में रहते हैं। इनमें ठंड का असर कम होता है। हालांकि, एलएसी (LAC) पर विवाद के बाद भारत भी सीमावर्ती गांवों में सुविधाएं दे रहा है। इसके बावजूद मिलम और लिपुलेख के ऊपर तैनात भारतीय जवानों के पास संचार सेवा उपलब्ध नहीं है।

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सीमा तक सुविधाओं का विस्तार करने की दिशा में भारत तेजी से काम कर रहा है। लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र बर्फ से ढके होने के कारण विकास कार्यों में दिक्कत हो रही है। तापमान की कमी के कारण सीमा पर हॉटमिक्स कारगर नहीं है तो चीन तकनीकी का इस्तेमाल कर सड़कों को कोल्डमिक्स कर रहा है। भारतीय क्षेत्र में चीन सीमा तक मजबूत चट्टानें हैं। चीन की ओर से पठारी क्षेत्र होने के कारण वहां सड़कें बनाने में अड़चन भी कम हैं। 

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, चीन (China) ने करीब 17 हजार फुट से ऊपर भारतीय सीमा से लगे कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग से आगे लिपुलेख टॉप, पाला, दुलुम, मूकरम, करनाली नदी, तकलाकोट मंडी (पुलांग) तक वाईफाई के जरिए संचार सेवा पहुंचा दी है।

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मुनस्यारी के मिलम क्षेत्र से आगे अपनी सीमा में चीन करीब 13 हजार फुट तक वाईफाई सेवा पहुंचा उपलब्ध करा चुका है। दूसरी तरफ भारत करीब नौ हजार फुट पर लास्पा, करीब 11 हजार फुट पर मिलम और करीब 13 हजार फुट ऊंचाई पर गुंजी तक वाईफाई सुविधा दे रहा है।

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भारत चीन सीमा मामलों के जानकार दिनेश गुंज्याल के अनुसार, “चीन सीमा पर जैसे चीन सुविधाओं का विस्तार कर रहा है, वैसे ही भारत को भी करना होगा। सड़कों का निर्माण करने और संचार सुविधा देने में तेजी लानी होगी। सड़कों के निर्माण से छोटा कैलाश, ओम पर्वत में पर्यटन गतिविधियां बढेंगी और सामरिक दृष्टि से भारतीय सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।”

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