कुरैशी की पहल पर ही लाहौर में शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) की फांसी का मामला उठा था और उनके शहीद स्थल सादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Bhagat Singh) का पुश्तैनी मकान स्मारक बनाने के लिए बेचा जाएगा। पाकिस्तान (Pakistan) का फैसलाबाद जो पहले लायलपुर था, वहां भगत सिंह का पुश्तैनी गांव बंगा है। बंगा के जिन नंबरदार और वकील के पास इसका कब्जा है, वे इसे देने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद इस मकान को खरीदने के लिए भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन आगे आ गया है।
फाउंडेशन के चेयरमैन एडवोकेट इम्तियाज रशीद कुरैशी ने बताया कि शहीद का घर तीन हिस्सों में बंट चुका है। इसका एक हिस्सा जहां भगत सिंह पैदा हुए थे, वह गांव बंगा के नंबरदार जमात अली के पास है। अली कहते हैं कि यह उनके लिए फख्र की बात होगी कि वह शहीद-ए-आजम की यादगार के लिए जमीन दे रहे हैं।
अली और रशीद कुरैशी के बीच 2 फरवरी को इस मसले पर बैठक भी हुई। इसमें उक्त हिस्से को स्मारक के लिए सौंपे जाने पर सहमति बन गई। एडवोकेट कुरैशी के अनुसार, इस स्मारक में भारत के अमृतसर स्थित ऐतिहासिक जलियांवाला बाग से लाकर मिट्टी लगाई जाएगी। बता दें कि कुरैशी की पहल पर ही लाहौर में शहीद भगत सिंह की फांसी का मामला उठा था और उनके शहीद स्थल सादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के बंगा गांव में ही 27 सितंबर, 1907 को भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म हुआ था। देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया और उनका मकान और जमीन-जायदाद वहीं रह गई। बंटवारे के बाद भगत सिंह का परिवार नवांशहर जिले के खटकड़कलां गांव में बस गया था।
ये भी देखें-
बता दें कि पंजाब के नवांशहर के खटकड़ कलां में भगत सिंह का म्यूजियम बनाया गया है। यह म्यूजियम शहीद भगत सिंह और उनके साथियों की याद दिलाता है। इसमें आजादी की लड़ाई के दौरान भगत सिंह की ओर से इस्तेमाल किए गए हथियारों को भी संभाल कर रखा गया है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App