सच के सिपाही

हंगपन दादा की बहादुरी के किस्से सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने सीमा पर घुसपैठ की कोशिश करने वाले चार आतंकवादियों को अकेले मार गिराया और वीरगति को प्राप्त हुए।

एक मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर मिराज 2000 की दुर्घटनाग्रस्‍त होने के कारण स्क्वाड्रन लीडर समीर अब्रोल बुरी तरह घायल हो गए थे। उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्‍होंने अंतिम सांसें लीं।

स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी जो वायु सेना में गोल्डन-ब्वॉय के नाम से जाने जाते थे। 1 मार्च को अपने जन्मदिन के मौक़े पर ही अचानक हुए विमान हादसे में शहीद हो गए।

27 फरवरी को बड़गाम में भारतीय वायुसेना के एमआई-17 विमान क्रैश में 6 जवान शहीद हो गए थे। शहीद होने वाले जवानों में मथुरा जिले के रहने वाले विंग कमांडर पंकज सिंह और बनारस के लाल विशाल पांडेय भी शामिल हैं।

बुधवार को जम्मू कश्मीर के बडगाम में एयरफोर्स के एमआई-17 विमान क्रैश में कानपुर निवासी दीपक पांडेय शहीद हो गए थे।

कुपवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए जवान पिंटू सिंह कश्मीर में अपनी तैनाती के दौरान वहां के स्थानीय युवाओं से काफी घुल-मिल गए थे। यही वजह थी कि उन्हें भारत-दर्शन प्रोग्राम के लिए 15 कश्मीरी युवाओं की टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर कैप्टन विजेंद्र सिंह गुरुंग (Captain Vijendra Singh Gurung) से कहते थे कि छोटू यहीं रुक जा तुझे पाकिस्तान का हीरो बना देंगे, बस भारतीय सेना के राज बता दे।

पाकिस्तान के कब्जे में 60 घंटे गुजारने के बाद देश लौटे विंग कमांडर अभिनंदन (Wing Commander Abhinandan Varthman) को इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है।

विंग कमांडर अभिमन्यु नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट हैं। भारतीय वायुसेना में इनका चयन साल 2004 में एक फाइटर पायलट के तौर पर हुआ था। अभिमन्यु की एयरफोर्स की ट्रेनिंग भटिंडा और हलवारा में हुई है। इन्होंने अपने पंद्रह साल के कैरियर में दो बार प्रोमोशन पाया है। 

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 4 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद होने वालों में CRPF के एक इंस्पेक्टर, एक जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

विंग कमांडर साहिल और विंग कमांडर अभिनंदन में बहुत गहरी दोस्ती थी। अपने दोस्त के चले जाने का ग़म अभिनंदन के चेहरे से साफ़ झलक रहा था।साहिल के अंतिम संस्कार के बाद भी अभिनंदन काफी सदमे में थे। साहिल के अंतिम संस्‍कार के वक़्त उनके परिजनों के साथ यहां रुके भी थे।

सिद्धार्थ के परिवार के लोग चार पीढ़ियों से फौज में हैं। पिता जगदीश खुद फौज में थे। जगदीश के पिता और दादा भी फौज में रहे हैं।

विंग कमांडर अभिनंदन और कैप्टन के. नचिकेता की कहानी एक जैसी ही है। करगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के कैप्टन के. नचिकेता को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था।

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मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर गोलियां बरसाने वाली महिला नक्सली की जान बचाकर जवानों ने इंसानियत का उदाहरण दिया है।

किसी का भाई शहीद हुआ तो किसी का पति, घड़ी मातम की थी लेकिन सब मातम ही मनाते रह जाएंगे तो भला देश की हिफाजत कौन करेगा। लिहाजा, इन बेटियों ने पहन ली वर्दी और डर गईं मोर्चे पर।

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