War of 1971: पति गुड़ चना लेकर युद्ध में लड़ने गए थे, पत्नी अब तक कर रही युद्धबंदी सैनिक का इंतजार

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पटखनी दी गई थी। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मन को विफल किया था।

War of 1971

युद्धबंदी सूबेदार आसा सिंह की पत्नी निर्मल कौर।

War of 1971: सूबेदार आसा सिंह साल 1971 के दिसंबर महीने की शुरुआत में छंब सेक्टर में मोर्चे पर गए थे। इसी दौरान उन्हें युद्धबंदी बना लिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पटखनी दी गई थी। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मन को विफल किया था। युद्ध के दौरान हमारे कई वीर सैनिकों को पाकिस्तान ने युद्धबंदी बना लिया था। इनमें से कई सैनिकों के परिवार तो आज भी अपने सपूत की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से एक जवान की पत्नी तो लगभग 49 साल से इस पल का इंतजार कर रही हैं।

निर्मल कौर अपने पति सूबेदार आसा सिंह के घर लौटने का इंतजार कर रही हैं। 81 साल की निर्मल कौर उन दिनों को याद कर बताती हैं, “मेरे पति गुड़ चना लेकर लड़ने गए थे। वे 5 सिख रेजिमेंट में शामिल थे। वे 1971 के दिसंबर महीने की शुरुआत में छंब सेक्टर में मोर्चे पर गए थे। इसी दौरान उन्हें युद्धबंदी बना लिया गया था लेकिन तब से लेकर आज तक उनकी रिहाई की इंतजार है। मेरी इच्छा है कि मरने से पहले मैं एकबार उन्हें देख लूं।”

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वे आगे बताती हैं, “उस समय मैं चार बेटियों और दो बेटों के साथ जम्मू के नानक नगल इलाके में ही रहती थी। युद्ध के दौरान हमें बताया गया कि वे शहीद हो गए हैं लेकिन हमें यकीन नहीं हुआ। बाद में जानकारी सामने आई कि वे पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। मुझे आज भी उनका इंतजार है।”

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मालूम हो कि इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर करते ही 93,000 सैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। युद्ध के 8 महीने बाद शिमला समझौते के तहत इन पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया लेकिन पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन किया।

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