सेना का वो शहीद जिसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था खत, कही थी ये बात

भारत और पाकिस्तान के बीच 1947-48 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) हर मोर्चे पर सफल साबित हुई थी। पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर ही भारतीय सेना ने सांस ली थी।

Piru Singh

शहीद पीरू सिंह

War of 1947: पीरू सिंह (Piru Singh) ने दुश्मनों द्वारा कब्जाई गई एक पहाड़ी पर हमला कर उस पर फतह हासिल की थी। वह 6 राजपूताना राइफल्स की डेल्‍टा कंपनी में हवलदार पद पर थे। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1947-48 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) हर मोर्चे पर सफल साबित हुई थी। पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर ही भारतीय सेना ने सांस ली थी। युद्ध के दौरान सेना के कई जवानों ने अकल्पनीय साहस का परिचय दिया था, जिसकी मिसाल आज भी पेश की जाती है।

इनमें ऐसे ही एक जवान थे पीरू सिंह (Piru Singh), जिनकी शहादत को आज भी याद किया जाता है। उनके शौर्य और बलिदान से प्रभावित होकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Neharu) ने उनकी शहादत के बाद खत लिखा था।

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पूर्व प्रधानमंत्री ने यह खत शहीद की मां को लिखा था। इस खत में उन्होंने पीरू सिंह के बलिदान और देश सेवा की जिक्र किया था। पंडित नेहरू ने खत में लिखा था कि ‘देश कंपी हवलदार मेजर पीरू सिंह का मातृभूमि की सेवा में किए गए उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञ है। उन्‍होंने अपनी अभूतपूर्व बहादुरी और बलिदान से सेना के साथी जवानों के लिए अद्भुत उदाहरण पेश किया है।’

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कौन थे पीरू सिंह: पीरू सिंह (Piru Singh) ने दुश्मनों द्वारा कब्जाई गई एक पहाड़ी पर हमला कर उस पर फतह हासिल की थी। वह 6 राजपूताना राइफल्स की डेल्‍टा कंपनी में हवलदार पद पर थे। पीरू सिंह का जन्म 20 मई, 1918 को राजस्थान के बेरी गांव में हुआ था। वह लाल सिंह के पुत्र थे। उनके परिवार में सात बच्चे तीन भाई और चार बहनें थीं जिनमें से पीरू सिंह सबसे छोटे थे। उन्हें 1947-48 युद्ध में शानदार प्रदर्शन के लिए सेना के वीरता के सर्वोच्‍च पुरस्‍कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्‍मानित किया गया था।

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