कारगिल युद्ध: 4 जुलाई को ही जीत तय हो गई थी, ये था इस लड़ाई का टर्निंग पॉइंट

Kargil War: टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी।

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Kargil War: टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी युद्ध 1999 में लड़ा गया था। दुनिया इसे कारगिल युद्ध (Kargil War) के नाम से जानती है। इस युद्ध में पाकिस्तानी को ऐसी पटखनी दी गई थी जिसे यादकर वह आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

इस युद्ध में इंडियन आर्मी का डंका बजा था। युद्ध में के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए। कभी ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान आगे है तो कभी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत आगे है। मई के अंत में शुरू हुआ यह युद्ध 26 जुलाई तक जारी रहा।

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हालांकि 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर इसी दिन कब्जा पा लिया था। 11 घंटे की लड़ाई के बाद जब भारतीय टाइगर्स ने टाइगर हिल पर अपना कब्जा जमाया, तो पाकिस्तानी सेना के होश उड़ गए।

टाइगर हिल कारगिल द्रास सेक्टर की सबसे ऊंची चोटी है। सबसे खास बात ये है कि यहां से श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे-1ए पर पैनी नजर रखी जा सकती है।

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यानी की कारगिल की सामरिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण पोस्ट पर सेना के वीर सपूतों के तिरंगा फहराते ही इस युद्ध में भारत की जीत तय हो चुकी थी। टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है।

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