5 हजार घंटों की कड़ी ‘तपस्या’ के बाद तैयार होता है एक जवान! जानें ट्रेनी सैनिक की दिनचर्या

हर दिन चुनौतीभरा होता है क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान बेहद ही कड़ा अनुशासन फॉलो किया जाता है। ऐसा अनुशासन जिसे एक सैनिक अपने कार्यकाल में भी फॉलो करता है।

Indian Army Training

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Indian Army Training: हर दिन चुनौतीभरा होता है क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान बेहद ही कड़ा अनुशासन फॉलो किया जाता है। ऐसा अनुशासन जिसे एक सैनिक अपने कार्यकाल में भी फॉलो करता है।

भारतीय सेना के जवान बेहद ही फिट और फुर्तीले होते हैं। जवानों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है कि वे विपरीत परिस्थितियों में खुद को ढाल सकें। इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग (Indian Army Training) ही कड़ी और अनुशासन से भरी होती है। करीब 5 हजार घंटे यानी 19 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद एक जवान पूरी तरह से देश की रक्षा में लगाया जाता है।

एग्जाम और तमाम मानकों पर खरा उतरने के बाद ही जवानों को रेजीमेंटल ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। वहां उसे 19 माह तक जबरदस्त शारीरिक परिश्रम के दौर से गुजरना पड़ता है।

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ट्रेनी जवान की दिनचर्या बेहद ही व्यवस्त होती है। ट्रेनी सिपाही के लिए हर दिन चुनौतीभरा होता है क्योंकि ट्रेनिंग (Indian Army Training) के दौरान बेहद ही कड़ा अनुशासन फॉलो किया जाता है। ऐसा अनुशासन जिसे एक सैनिक अपने कार्यकाल में भी फॉलो करता है।

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एक ट्रेनी सैनिक का दिन 5 बजे से शुरू होता है और रात 10 बजे तक ट्रेनिंग चलती है। यह ट्रेनिंग हफ्ते के सातों दिन चलती है। कुल मिलाकर करीब 5 हजार घंटे की कड़ी शारीरिक ट्रेनिंग के बाद सेना का जवान तैयार होता है। वहीं बात करें यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अफसर की तो नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में तीन साल ट्रेनिंग दी जाती है।

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