Pulwama Attack: छुट्टी हो गई थी मंजूर, पर लौटकर वापस नहीं आए सुदीप
जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना होने से पहले बबलू सांतरा ने अपनी पत्नी को फोन किया था। उन्होंने कहा था कि एक घंटे के बाद वह कश्मीर पहुंच जाएंगे। उसके बाद फिर पत्नी को फोन करेंगे लेकिन दोबारा फोन तो जरूर आया लेकिन बबलू का नहीं बल्कि CRPF का जिसमें उनके शहीद होने की खबर आई।
फॉरेंसिक जांच में पुलवामा हमले को लेकर बड़ा खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक इसे तैयार करने के लिए पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकी भारत आए थे। इतना ही नहीं हमले से कुछ वक्त पहले ही आतंकियों ने इसमें ट्रिगर, स्विच, डेटोनेटर और पावर फ्यूज लगाया गया था।
Pulwama Attack: गर्भवती पत्नी और दिव्यांग बहन को बेसहारा छोड़ गए सिवाचंद्रन
सिवाचंद्रन का दो साल का एक बेटा है। उनकी पत्नी चार माह की गर्भवती हैं। इनके घर में अब कमाने वाला कोई नहीं है। सिवाचंद्रन के छोटे भाई की पिछले साल करंट लगने से मौत हो गई थी। उनकी बहन बोल नहीं सकतीं। वह अभी अविवाहित हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी सिवाचंद्रन के कंधों पर ही थी।
दो दिन में उत्तराखंड की माटी ने खोए अपने दो वीर सपूत
मेजर ढौंडियाल की मां दिल की मरीज हैं। इसलिए उन्हें इस बारे में नहीं बताया गया था। बस इतना कहा गया था कि विभूति घायल हैं। उन्हें सबसे आखिर में बेटे की शहादत की सूचना दी गई।
Pulwama Attack: आखिरी बार पति का फोन भी नहीं उठा पाई और आ गई शहादत की खबर
कविता को गुरू का फोन आया था लेकिन वे उठा नहीं पाई थीं। जब उन्होंने वापस फोन किया तो गुरू का फोन पहुंच से बाहर आ रहा था। कविता के पास अपने पति से बात करने का आखिरी मौका था। लेकिन उनकी किस्मत में शायद ये था ही नहीं।
Pulwama Attack: कहा था “मेरी फोटो खींच कर रख लो पता नहीं कब बम विस्फोट हो और मैं चला जाऊं…” क्या पता था कि उनकी यह बात सच हो जाएगी
छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर जाते हुए मानेश्वर ने परिवार के लोगों से बातचीत करते हुए कहा था कि मेरी फोटो खींच कर रख लो पता नहीं कब बम विस्फोट हो और मैं चला जाऊं। क्या पता था कि उनकी यह बात सच हो जाएगी।
Pulwama Attack: 6 महीने पहले ही हुआ था पिता का निधन, अब बेटा भी हो गया शहीद
वसंत कुमार के परिवार पर यह दूसरी बार दुखों का पहाड़ टूटा है। वसंत के पिता वासुदेवन का छह माह पहले ही निधन हुआ है। तरक्की और बटालियन में बदलाव के बाद वसंत की कश्मीर में तैनाती हुई थी। इससे पहले वह पंजाब में तैनात थे।
Pulwama Attack: कुछ दिन पहले ही मनाया था बेटी का पहला जन्मदिन
अभी 16 जनवरी को ही मनोज ने बेटी का पहला जन्मदिन मनाया था और छह फरवरी को वे वापस ड्यूटी पर कश्मीर चले गये थे। मनोज ने श्रीनगर पहुंचकर वापस फिर से कॉल करने का वादा किया था।
Pulwama Attack: पिता की शहादत पर बेटी बोली, ‘मुझे हथियार दे दो मैं खुद बदला लूंगी…’
विजय के बड़े बेटे को पिता को खोने का दुख है। पर अब वह भी सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है। 14 फरवरी को उसका जन्मदिन था और उसी दिन पिता शहीद हो गये। शहीद होने से पहले विजय ने बेटे को जन्मदिन की शुभकामना दी थी।
पुलवामा शहीदों के बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे आया रिलायंस फाउंडेशन
रिलायंस फाउंडेशन ने भी पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके बच्चों की पढ़ाई और नौकरी की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की है।
Pulwama Attack: 22 दिन के बेटे का नामकरण भी नहीं कर पाए शहीद तिलकराज
शहीद तिलक राज के 22 दिन के बेटे ने तो अबतक अपने पिता को ठीक से पहचाना भी नहीं है। उनके जाने के तीन दिन बाद ही उसकी पत्नी को यह मनहूस खबर मिली कि उसका सुहाग उजड़ गया है। तिलक को लोकगायकी का भी शौक था। ड्यूटी के दौरान सीमा पर देश की रक्षा करने वाले तिलक घर पहुंचने पर गाने रिकॉर्ड करते थे। उन्होंने कई पहाड़ी गाने गाए हैं।
Pulwama Attack: महाराष्ट्र के 3 सपूतों ने भी दी प्राणों की आहूति
नितिन शिवाजी राठौर परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। किसान परिवार से आने वाले राठौर 2006 में सेना में भर्ती हुए थे। शहादत की खबर सुनकर बूढ़े माता-पिता और परिवार टूट गया है। वहीं संजय राजपूत ने कश्मीर, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने सीआरपीएफ में अपनी सेवा और पांच साल के लिए बढ़वा ली थी।
Pulwama Attack: पुलवामा हमले के शहीदों में उत्तराखंड के दो जवान भी शामिल
मोहनलाल हमेशा देश की रक्षा को लेकर बच्चों से बातें करते थे। छत्तीसगढ़ में नक्सली क्षेत्र हो या फिर जम्मू के आतंकी क्षेत्र वहां के कई किस्से उन्होंने बच्चों को सुनाए थे। दिसंबर में जब वे घर गए थे तो परिजनों ने उन्हें वीआरएस लेने का सुझाव दिया था। पर उन्होंने कहा कि देश को हमारी जरूरत है। देश की सेवा पूरी करने के बाद ही सेवानिवृत्त होंगे।
Pulwama Attack: शहीद रोहिताश छोड़ गए हैं 2 महीने की बच्ची, सालभर पहले ही हुई थी शादी
एक साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उनकी सिर्फ दो माह की एक बच्ची है। वह चार दिन पहले ही छुट्टी बिताकर वापस जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर लौटे थे। रोहिताश अपने पीछे पत्नी और 2 माह की बच्ची छोड़ गए हैं।
Pulwama Attack: अधूरा रह गया बेटे को सेहरा पहने देखने का ख्वाब, तिरंगे में लिपटा लौटा इकलौता लाल
तरफ अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, तो दूसरी ओर सरकार पर गुस्सा भी है कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठा रही है।
सवा करोड़ के इनामी नक्सली कपल सुधाकरण और नीलिमा ने डाले हथियार, नक्सलियों को बड़ा झटका
नए मुखिया के कमान संभालने के बाद नक्सली संगठन में सीनियर नक्सलियों का कद घटता जा रहा है। यही फूट की वजह बन रहा है।
इस पूर्व नक्सली ने पेरियार नदी को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी खपा दी, बन गया रिवर वॉरियर
कुछ दशक पहले जो एक नक्सलवादी था आज वह रिवर-वॉरियर है। इस नदी को बचाने की खातिर इन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी।