
jharkhand martyr vijay soren
Pulwama Attack: झारखंड के गुमला के फरसमा गांव निवासी हेड कांस्टेबल विजय सोरेंग पुलवामा हमले में शहीद हो गए हैं। विजय सीआरपीएफ के 82वीं बटालियन में तैनात थे। विजय सोरेंग की पत्नी कारमेला भी झारखंड सशस्त्र बल-10 (जैप-10) में हवलदार हैं। दोनों ही देश के लिए अपना-अपना कर्तव्य निभा रहे थे। 14 फरवरी को रात दस बजे जब कारमेला ड्यूटी खत्म कर अपने बैरक पहुची थीं, तभी उन्हें पुलवामा हमले की जानकारी मिली। खबर सुनते ही वो बेहोश हो गईं।
विजय के छोटे भाई संजय सोरेन ने बताया कि टीवी और इंटरनेट के जरिये बड़े भाई के शहीद होने की खबर मिली। विजय ने 14 परवरी को दोपहर 12 बजे के करीब घर पर फोन कर परिवार का हालचाल लिया था। उन्होंने बताया था कि वह कश्मीर जा रहे हैं। विजय के परिवार में पिता वृष सोरेंग, माता लक्ष्मी सोरेंग, पत्नी करमेला सोरेंग और चार बच्चे हैं। पत्नी बिमला सभी को लेकर सिमडेगा के कोचेड़ेगा में रहती हैं। विजय अंतिम बार 3 फरवरी को घर आये थे और 7 फरवरी को ड्यूटी पर लौट गये थे। गांववालों को बेटे की शहादत पर गर्व भी है, पर असमय उनके चले जाने का दुख भी है। विजय के पिता सेना से रिटायर्ड हैं। उन्हें बेटे की शहादत पर फख्र है।
विजय के बड़े बेटे को पिता को खोने का दुख है। पर अब वह भी सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है। 14 फरवरी को उसका जन्मदिन था और उसी दिन पिता शहीद हो गये। शहीद होने से पहले विजय ने बेटे को जन्मदिन की शुभकामना दी थी। उनकी बेटी को पिता को खोने का गम है तो साथ ही उसकी आंखों में गुस्सा भी है। पिता की शहादत पर वह बोली कि मुझे हथियार दे दो मैं खुद बदला लूंगी। देश के प्रति विजय की कर्तव्यनिष्ठा लाजवाब थी। वह शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे।
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