
Pulwama Martyrs Rajsthan
Pulwama Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में शहीद हुए जवानों में राजस्थान के भी पांच सपूत शामिल हैं। इनमें कोटा के हेमराज मीणा, जयपुर के शाहपुरा के रोहिताश लांबा, धौलपुर के भागीरथ सिंह भरतपुर के जीतराम गुर्जर और राजसमंद के नारायण गुर्जर हैं। 14 फरवरी को पुलवामा के अवंतीपोरा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक आतंकी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सीआरपीएफ की बस से भिड़ा दिया था।
हर शहीद की अपनी एक कहानी है। कोटा जिले के विनोद कलां गांव के रहने वाले हेमराज मीणा सीआरपीएफ की 61वीं बटालियन में थे। उनकी पत्नी मधु को जब उनकी शहादत की खबर मिली तो उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला। उनके बुजुर्ग पिता को सदमा न लगे इसलिए मधु ने रात-भर सिंदूर लगाए रखा।
शाहपुरा के शहीद रोहिताश लांबा अमरसर थाना इलाके के गोविंदपुरा के निवासी थे। 2 साल पहले ही वह सेना में भर्ती हुए थे। एक साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उनकी सिर्फ दो माह की एक बच्ची है। वह चार दिन पहले ही छुट्टी बिताकर वापस जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर लौटे थे। रोहिताश अपने पीछे पत्नी और 2 माह की बच्ची छोड़ गए हैं।
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धौलपुर के शहीद भागीरथ सिंह ने पिता से कहा था कि जल्दी ही फिर वापस आऊंगा। पर किसे पता था कि भागीरथ अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। धौलपुर जिले में राजाखेड़ा निवासी शहीद जवान भागीरथ भी दो दिन पहले ही अवकाश खत्म होने पर ड्यृटी पर गए थे। उसके शहीद होने की सूचना मिलते ही सारे गांव में सन्नाटा छा गया। शहीद भागीरथ सिंह 6 साल पहले सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। भागीरथ की माँ बपचन में ही गुजर गई थीं। ऐसे में परिवार के की जिम्मेदारी पिता परशुराम सिंह पर ही थी। भागीरथ सिंह बड़े बेटे थे। वहीं छोटे बेटे बलबीर यूपी पुलिस में हैं। भागीरथ की शादी 5 वर्ष पूर्व रंजना के साथ हुई थी। इनके दो बच्चे, तीन साल का बेटा और दो साल की बेटी है। भागीरथ की शहादत से परिवार गहरे सदमे में है।
वहीं इसी आतंकी हमले में भरतपुर का एक सपूत भी शहीद हुआ है। जिले के के सुंदरावली गांव का लाडला जीतराम गुर्जर हमले में शहीद हो गया। जीतराम की शहादत की सूचना से सुंदरावली गांव का माहौल गमगीन है। जीतराम ने 2010 में सीआरपीएफ जॉइन किया था। पांच साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। परिवार में वे अकेले कमाने वाले थे।
पुलवामा हमले में राजसमंद जिले के कुंवारिया थाना इलाके के बिनोल गांव के नारायण गुर्जर इस हमले में शहीद हो गए हैं। शहीद के परिवार में पत्नी और दो मासूम बच्चे हैं। नारायण गुर्जर बचपन में ही अपने माता-पिता को खो चुके थे।
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