हिजबुल के आतंकी बुरहान बानी का एनकाउंटर के वक्त हालात बद से बदतर हो गए थे। उस बिगड़ते माहौल से निपटने के लिए जब इस महिला अफसर ने मोर्चा संभाला तो उपद्रवियों के पैर उखड़ गए।

कमर के नीचे का हिस्सा बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद भृगुनंदन चौधरी (Constable Bhrigu Nandan Choudhary) के हौसले पस्त नहीं हुए। वे असहनीय दर्द के बावजूद रेंगते हुए आगे बढ़ते रहे और उन्होंने आधा दर्जन नक्सलियों को मार गिराया।

मातृभूमि के प्रति प्यार और सर्वोच्च बलिदान के लिए उनकी तत्परता ने हमारे वीर जवानों की छोटी-सी टुकड़ी को दुश्मनों पर वार करते रहने के लिए हिम्मत दी। उन्होंने दुश्मनों के नापाक इरादों को ध्वस्त करने के लिए अंत तक मोर्चा संभाले रखा।

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की नैना राज्य की पहली महिला हैं जिन्होंने किसी पर्वत की चढ़ाई पूरी की है। नैना ने 6,512 मीटर ‘भागीरथी 2’ को फतह कर नया कीर्तिमान बनाया है। भागीरथी-2 हिमालय की सबसे अधिक बर्फीली पहाड़ियों में से एक है, जो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में है। पुलिस पिता की यह बिटिया जिगर के मामले में पुरुषों को भी मात देती है।

सावित्री बस्तर की ऐसी पहली छात्रा हैं, जिन्होंने आईआईटी क्रैक किया। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गरीबी और संसाधनों के अभाव का सामना करते हुए अनपढ़ माता-पिता की इस बेटी ने इतिहास रच दिया।

अकेले 200 नक्सलियों से लड़ते हुए के प्रसाद बाबू ने 9 नक्सलियों को मार गिराया। कई नक्सलियों को घायल कर दिया। बाद में प्रसाद बाबू को नक्सलियों ने पकड़ लिया। उन्हें टॉर्चर किया और उनकी हत्या कर दी।

Mumbai Marathon: 20 जनवरी को मुंबई में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। वैसे तो 2004 से हर साल जनवरी...

"नक्सली संगठन में हमें इंसानों को निशाना बनाने के लिए सिखाया गया था। पर यहां सब-कुछ बहुत अलग है। यहां किसी भी निर्दोष को निशाना नहीं बनाया जाता। यहां बच निकलने या भागने के लिए नहीं सिखाया जाता, बल्कि सामना करने के लिए सिखाया जाता है।"

साथी कमांडर्स ने सात साल तक मेरे साथ रेप किया। यह तब हुआ जब मैं 25-30 सशस्त्र नक्सलियों की कमांडर थी। नक्सलियों के बीच पत्नियों की अदला-बदली, साथी महिला नक्सलियों को मारना-पीटना और रेप करना बेहद आम है। 

उनके सिर पर काफी चोटें आई थीं। जख्मी होने के बावजूद नजीर वानी ने आतंकियों को भागने नहीं दिया। वह आतंकियों के भाग निकलने के रास्ते पर डटे रहे। उन्होंने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया। इस एनकाउंटर में वानी और उनके साथियों ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था।

रायपुर (छत्तीसगढ़) के मनीष दूबे सेना में जाना चाहते थे। वह सेना में तो नहीं जा सके पर सैनिकों और सेना के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करने के लिए उन्होंने एक अनोखा रास्ता खोज निकाला। उन्होंने रायपुर में एक रेस्टोरेंट खोला, जिसमें जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को किफायती दर पर भोजन मिलता है।

करीब 71 साल के कुंडू इस बात में विश्वास रखते हैं कि विज्ञान की शिक्षा ही वह रास्ता है, जो इन गरीब बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य के रास्ते खोल सकती है।

नक्सली हमलों और नक्सलियों के गढ़ के रूप में कुख्यात रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर की पहचान अब बदल रही है।...

अपनी साहस और बहादुरी के बूते चीता आज युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनके जज्बे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 2 महीने कोमा में रहने के बाद मौत के मुंह से निकलकर आए।

“हर रोज गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं, ऐ जिंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं…” जी हां, कुछ...

एक तो हमारे समाज में शिक्षकों का दर्जा ऐसे ही भगवान से भी ऊंचा माना जाता है। इनका कर्म और धर्म ही है अज्ञान के अंधेरे को ज्ञान के आलोक से प्रकाशित करना। पर, मुश्किल हालात में, जान हथेली पर लेकर अपने छात्रों को शिक्षा और सुरक्षा दोनों मुहैया कराने वाले शिक्षक विरले ही मिलते हैं।

SUKMA GIRL RANI RAI : जहां चाह है वहां राह है- इस कहावत को चरितार्थ किया है रानी राय ने। गोली-बारूद...

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