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Kargil War 1999: यह भी एक चुनौती थी कि आखिरकार किस तरह हथियारों को साथ ले जाया जाए। ऐसे में हमारे जवान कंधों पर शस्त्र और अन्य सामानों के साथ रस्सियों के सहारे पहाड़ की चढ़ाई करते थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। इस युद्ध की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना पूरी तरह से फायदे में थी क्योंकि वह कारगिल की ऊंचाई वाले सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा जमाकर बैठी हुई थी।
भारतीय सेना के सामने एक नहीं बल्कि कई चुनौतियां थीं। इनमें से एक चुनौती यह थी कि किस तरह नीचे से ऊपर तक चढ़ाई कर दुश्मन तक पहुंचा जाए। दुश्मन की नजर में आते ही फायरिंग होने का खतरा लगातार बना रहता था।
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इसके साथ ही यह भी एक चुनौती थी कि आखिरकार किस तरह हथियारों को साथ ले जाया जाए। ऐसे में हमारे जवान कंधों पर शस्त्र और अन्य सामानों के साथ रस्सियों के सहारे पहाड़ की चढ़ाई करते थे।
रस्सियों के सहारे चढ़ाई करने का फायदा यह था कि सैनिक एक दिशा में एकसाथ चलते थे और कठिन से कठिन चढ़ाई में भी सुरक्षा बनी रहती थी। कई बार तो सैनकों को सीधी खड़ी चट्टानों पर चढ़ना पड़ता था।
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हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि सामान की सप्लाई के लिए जवानों के कंधों का ही इस्तेमाल हुआ हो, बल्कि वायुसेना के चीता हेलिकॉप्टर के जरिए भी सैनिकों तक हथियार और अन्य जरूरी सामान भी पहुंचाया गया था।
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