Today History

ऋषि कपूर  (Rishi Kapoor) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तब की जब वह किशोरावस्था में ही थे। उन्होंने बाल कलाकार के तौर पर फिल्म मेरा नाम जोकर (1970) में अपने पिता के बचपन की भूमिका के साथ फिल्मी करियार की शुरुआत की।

लक्ष्मी-प्यारे (Laxmikant–Pyarelal) ने कल्याणजी-आनंदजी, शंकर-जयकिशन, खय्याम, एस. डी. बर्मन और आर.डी. बर्मन के साथ भी काम किया। पहला ब्रेक बतौर संगीत -निर्देशक फिल्म 'पारसमणि' में उन्हें मिला।

Today History: 03 सितंबर 1940 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्में प्यारेलाल का बचपन बेहद संघर्ष भरा रहा। उनकी मां का देहांत छोटी उम्र में ही हो गया था। उनके पिता पंडित रामप्रसादजी ट्रम्पेट बजाते थे।

राज खोसला के साथ साधना (Sadhana) की जोड़ी खूब जमी। फिल्म 'वो कौन थी' को भला कौन भूल सकता है। उस फिल्म के सारे गाने हिट हैं। मदन मोहन साहब का संगीत, लता जी की आवाज, राजा मेंहदी अली खान साहब के बोल और साधना जी का अभिनय। सब कुछ कमाल है।

Today History: हिंदी सिनेमा की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री साधना का जन्म 2 सितंबर, 1941 को कराची में हुआ था। साधना अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं।

सातवें और आठवें दशक में प्रणब (Pranab Mukherjee) ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (1975) तथा भारतीय एक्जिम बैंक के साथ ही राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (1981-82) की स्थापना में भूमिका निभाई।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 1 सितंबर 1925 को जन्मे डॉ राही मासूम रज़ा (Rahi Masoom Reza) ने महाभारत की रचना कर कालजयी कीर्तिमानों का वह किला तैयार किया, जिसे आज भी भेदना असंभव है।

Today History: फिल्म-लेखन को राही मासूम रज़ा (Rahi Masoom Reza) अपने दौर के बाकी लेखकों की तरह 'घटिया काम’ नहीं, बल्कि 'सेमी क्रिएटिव’ काम मानते थे।

ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपने करियर की दो बेहतरीन फिल्म ‘रेनकोट’ और ‘चोखेर बाली’ ऋतुपर्णो (Rituparno Ghosh) के निर्देशन में की। जहां तक अभिषेक बच्चन का सवाल है तो उन्होंने ‘अंतरमहल’ नामक फिल्म में ऋतुपर्णो के साथ काम किया।

Today History: ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपने करियर की दो बेहतरीन फिल्म ‘रेनकोट’ और ‘चोखेर बाली’ ऋतुपर्णो (Rituparno Ghosh) के निर्देशन में की। जहां तक अभिषेक बच्चन का सवाल है तो उन्होंने ‘अंतरमहल’ नामक फिल्म में ऋतुपर्णो के साथ काम किया।

Today History: कनाईलाल (Kanailal Dutta) और सत्येन बोस ने नरेन गोस्वामी को जेल के अंदर ही अपनी गोलियों का निशाना बनाने का निश्चय किया। पहले सत्येन बीमार बनकर जेल के अस्पताल में भर्ती हुआ। फिर कनाईलाल दत्त भी बीमार पड़ गए।

कनाईलाल (Kanailal Dutta) और सत्येन बोस ने नरेन गोस्वामी को जेल के अंदर ही अपनी गोलियों का निशाना बनाने का निश्चय किया। पहले सत्येन बीमार बनकर जेल के अस्पताल में भर्ती हुआ। फिर कनाईलाल दत्त भी बीमार पड़ गए।

Today History: 1930 के दशक में उस्ताद विलायत खां ने अपने मामा जिंदा हुसैन खां के संरक्षण में सितार बजाने की तालीम ली। यह वही समय था, जब उन्होंने 'गायकी अंग' का विकास किया।

विलायत खां (Ustad Vilayat Khan)  से आज के बहुत से नामचीन संगीतकार प्रभावित हैं। बहुत से लोगों को उन्होंने सितार वादन सिखाया भी। इनमें उनके दो पुत्र उस्ताद शुजात खां और हिदायत खां सहित पं. अरविंद पारिख भी शामिल हैं।

ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) ने जिस खूबसूरती से क्लाइमैक्स में पहले से रिकॉर्ड किए डायलॉग का इस्तेमाल किया था उसने इस फिल्म और राजेश खन्ना के किरदार को सिनेमा में अमर कर दिया।

मुकेश (Mukesh) ने दिल की गहराइयों में उतर जाने वाली अपनी सधी हुई आवाज में न केवल प्रेम के दुःख, दर्द, निराशा और विरह की गहनतम भावनाओं को अपना स्वर दिया, बल्कि हल्के- फुल्के अंदाज के हास्य, उमंग और मिलन के गीत भी गाए।

Today History: फिल्म 'सत्यम् शिवम् सुंदरम्' के गाने ' चंचल निर्मल शीतल' की रिकॉर्डिंग पूरी करने के बाद वह अमेरिका में एक पोस्ट में भाग लेने के लिए चले गए। इस कंसर्ट के ठीक 4 दिन बाद 27 अगस्त, 1976 को मुकेश को दिल का दौरा पड़ा और वह दुनिया को छोड़ गये।

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